शीर्ष अमेरिकी ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. भरत बराई ने कहा कि भारत में आम चुनावों के बीच पश्चिमी देश इस एशियाई देश के लोकतंत्र के बारे में भ्रामक सूचनाएं और झूठी धारणाएं गढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम में कुछ लोग अभी भी औपनिवेशिक मानसिकता रखे हुए हैं। शिकागो निवासी डॉ. बराई ने कनाडाई पीएम जस्टिन त्रूदो पर भारत के अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर भी निशाना साधा।
डॉ. बराई ने कहा, कनाडा में अलगाववादी नेता भारतीय नेताओं के खिलाफ हिंसा की खुलकर योजना बनाते हैं और हिंसा का समर्थन करते हैं। यह समस्या थोड़ी बहुत अमेरिका में भी है। अगर अमेरिकी सरकार उन्हें जमीन का एक टुकड़ा देना चाहती है तो उन्हें खुश रहने दीजिये। आखिरकार वे (खालिस्तानी समर्थक) विदेशी नागरिक हैं। वे या तो अमेरिकी नागरिक हैं या फिर कनाडाई हैं। भारत में क्या हो रहा है उसमें दखल का उनके पास क्या अधिकार है।
भारतीय सिखों का खालिस्तान से कोई लेनादेना नहीं : बराई ने कहा, खालिस्तान भारत की समस्या नहीं, भारतीय सिखों का इससे कोई लेनादेना नहीं है। यह विदेशों में जन्मे या वहां के अलगाववादियों की धारणा है। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों में कई समाचार लेखों व टिप्पणियों में भारत के लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकारों को लेकर उठ रहे सवालों के बारे में भ्रामक सूचनाएं गढ़ी जा रही हैं।