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डूंगरपुर मामले में साक्ष्य के अभाव में आजम खां सहित आठ लोग बरी, चुनाव से पहले बड़ी राहत

सपा नेता आजम खां पर दर्ज डूंगरपुर बस्ती में घर में घुसकर मारपीट व डकैती और आपराधिक षड्यंत्र रचने के एक और मामले में बृहस्पतिवार को कोर्ट फैसला सुनाते हुए आजम खां सहित आठों आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद साक्ष्यों के अभाव के कारण यह फैसला सुनाया। गंज थाना क्षेत्र के डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने को लेकर 12 मुकदमे 2019 में दर्ज हुए थे। यह सभी मामले बस्ती में रहने वाले लोगों की ओर से दर्ज कराए गए थे, इसमें एक मामला पांच जुलाई 2019 को घेर मियां खां निवासी शफीक बानो ने गंज थाने में दर्ज कराया था।

उनका आरोप था कि तीन फरवरी 2016 को रात लगभग आठ बजे पूर्व चेयरमैन अजहर खां, तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन, रानू खां, ओमेंद्र सिंह चौहान, फिरोज खां, जिबरान खां, ठेकेदार बरकत अली और 20-25 अज्ञात पुलिसकर्मी बस्ती में आए और उनके मकान में जबरन घुस गए।

उन्होंने धमकाते हुए परिवार को घर से निकाल दिया साथ ही नौ हजार रुपये की नगदी लूट ली। आरोप है कि मकान पर बुलडोजर भी चलवाया। इस मामले में सपा नेता आजम खां को भी आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोपी बनाया था। कोर्ट में 11 मार्च तक दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी थी। कोर्ट ने मामले में बृहस्पतिवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी को बरी कर दिया है

डूंगरपुर के एक मामले में सजा तो दो में बरी हो चुके हैं आजम
डूंगरपुर के एक मामले में सपा नेता आजम खां को सात साल की कैद व आठ लाख रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई जा चुकी है। यह सजा कोर्ट ने 18 मार्च को सुनाई थी। इससे पहले वो 31 जनवरी को इसी तरह के एक मामले में बरी भी हो चुके हैं। जबकि दूसरे मामले में बृहस्पतिवार को कोर्ट ने उन्हें बरी किया है।

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