चुनाव आयोग ने बुधवार को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी को एक अवमानना मामले में आरोपी बनाया है। इमरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष हैं और फवाद उनकी पार्टी के वरिष्ठ पूर्व सदस्य हैं।
2022 में चुनाव आयोग (ईसीपी) और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए दोनों नेताओं पर मामला दर्ज किया गया था। ईसीपी की चार सदस्यीय समिति ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में सुनवाई शुरू की। दोनों नेता विभिन्न मामलों में इसी जेल में बंद हैं।
उन पर ईसीपी और सीईसी का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। जब आरोप पढ़े गए तब दोनों अदालत कक्ष में मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने इन आरोप पत्र में लगाए गए आरोपों से इनकार किया। अभियोग के बाद समिति ने अवमानना मामले की सुनवाई 16 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
इस मामले की सुनवाई पहले ईसीपी भवन में हो रही थी। लेकिन, पुलिस ने सुरक्षा कारणों से इमरान खान को अभियोग के लिए पेश करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद आयोग को छह दिसंबर को सुनवाई अदियाला जेल में स्थानांतरित करनी पड़ी। इमरान खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए अपदस्थ कर दिया गया था। सत्ता से बेदखल होने के बाद से उनके खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।