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लखनऊ मंडल के वाराणसी जं. (कैंट) स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का किया गया विस्तार

उच्चतम यात्री सुविधाओं की उपलब्धता की दिशा में मंडल के प्रतिबद्ध प्रयास

लखनऊ। वाराणसी जं. (कैंट) स्टेशन, उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्टेशन है तथा इस नगर की आध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्ता के कारण, वर्ष पर्यंत पूरे विश्व से इस नगर में बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं एवं भक्तों का वाराणसी ज. स्टेशन पर आवागमन होता है। अपने सम्मानित रेलयात्रियों तथा पर्यटकों को रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली यात्री सुविधाओं का आधुनिकीकरण कर, सुविधाओं को नया स्वरुप प्रदान करने की दिशा में वर्तमान समय में स्टेशन पर इस दिशा में अनेक कार्य प्रगति पर हैं।

मौजूदा समय में, उत्तर रेलवे का वाराणसी जंक्शन (कैंट ) स्टेशन देश के हर कोने से इस पावन नगरी को आने वाली 117 रेलगाड़ियों को प्रतिदिन संचालित करता है । इसमें भारत की बेहद प्रतिष्ठित और लोकप्रिय पहली सेमी-हाई स्पीड रेलगाड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस भी शामिल है। इस स्टेशन पर प्रतिदिन (औसतन) 67,000 से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है। स्टेशन के पुनर्विकास कार्य के अंतर्गत स्टेशन के बाहरी संरचना का सौंदर्यीकरण, मौजूदा प्लेटफॉर्मों में सुधार, दो नए प्लेटफॉर्मों और दो नए फुट-ओवर-ब्रिजों का निर्माण और स्टेशन के तीसरे प्रवेश द्वार का प्रावधान शामिल हैं।

ज्ञात हो कि वर्तमान समय में वाराणसी जं. स्टेशन पर यात्रियों के सुविधा हेतु अनारक्षित टिकट हेतु प्रत्येक शिफ्ट में आवश्यकतानुसार 3 से 4 टिकट काउंटर यात्री आश्रय में चलाये जा रहे हैं, इसके अतिरिक्त 05 ATVM भी यात्रियों के लिए 24X7 कार्य कर रहे हैं।स्टेशन के प्रमुख हॉल में नया इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन इंडिकेशन बोर्ड लगाया गया है साथ ही स्टेशन के प्लेटफॉर्मों पर 54 LED डिस्प्ले लगाए गए हैं, जिसके द्वारा यात्रियों को ट्रेनों के आवागमन की वास्तविक स्थिति की जानकारी अत्यंत सुलभता से प्राप्त हो जाती है। स्टेशन पर विद्युत से चलने वाले उपकरणों, जैसे एस्केलेटर, डिस्प्ले बोर्ड व पंखे जनरेटर के माध्यम से जुड़े हैं विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर 2-3 मिनट के अंतराल पर उपरोक्त उपकरण पुनः संचालित हो जाते हैं I इसके अतिरिक्त प्रत्येक प्लेटफॉर्म की रोशनी हेतु पर्याप्त क्षमता के इन्वर्टर उपलब्ध हैं जिससे प्लेटफॉर्मों पर निरंतर विद्युत आपूर्ति बनी रहती है।

मालभाड़ा का संचालन

वाराणसी दो प्रमुख मेट्रो शहरों दिल्ली और कोलकाता के बीच स्थित है। इस सेक्शन पर मालगाड़ियों की भारी आवाजाही रहती है। जिसके कारण मालगाड़ियों को यात्री क्षेत्र से अलग करने की आवश्यकता महसूस की गयी। इसके लिए शिवपुर से काशी की ओर फ्रेट बाईपास लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिससे यार्ड से होकर आवाजाही कम हो सके। इस बाईपास लाइन के माध्यम से मालगाड़ियों को काशी से शिवपुर की ओर भेजा जाएगा, जिससे वाराणसी जं. रेलवे स्टेशन को बाईपास किया जा सके। इससे स्टेशन क्षेत्र में यात्री रेलगाड़ियों के आवागमन को सुगम बनाए रखने में मदद मिलेगी । इस कदम से मालगाड़ियों की गति भी बेहतर होगी और यार्ड डिटेंशन के कारण होने वाले समय के नुकसान को भी बचाया जा सकेगा ।

वाराणसी यार्ड री-मॉडलिंग (निर्माणाधीन)

वाराणसी स्टेशन की यार्ड री-मॉडलिंग का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। इसके तहत वर्तमान में प्लेटफॉर्म संख्या 2/3 जिसकी चौड़ाई 6.2 मीटर है को चौड़ा करके लगभग 11 मीटर किया जायेगा, इसके उपरांत प्लेटफॉर्म संख्या 2/3 पर लिफ्ट और एस्केलेटर का प्रावधान भी किया जायेगा।

• दो नए प्लेटफॉर्म 10 एवं 11 का निर्माण।
• वाराणसी यार्ड में लूप की लंबाई और प्लेटफॉर्म की लंबाई में वृद्धि।
• यात्री गाड़ी के रख-रखाव के लिए 4 नई वाशिंग लाइन और 4 सिक लाइन पिट।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबन्धक, उत्तर रेलवे रेखा शर्मा ने बताया कि वाराणसी यार्ड री-मॉडलिंग का कार्य मार्च, 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है, जिससे सभी प्लेटफार्मों की लंबाई पूरी ट्रेन के लिए पर्याप्त होगी। सभी प्लेटफार्म विभिन्न दिशाओं से नियोजित तरीके से जुड़े होंगे और एस्केलेटर / लिफ्ट के जरिए सभी यात्री प्लेटफार्म पर जा सकेंगे। प्लेटफार्म लाइनों की लंबाई बढ़ने से यात्री गाड़ियों का आवागमन और अधिक सुगम हो जायेगा।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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