नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा है कि अगर किसान धान के बजाए बाजरे की खेती करते हैं तो उन्हें अधिक फायदा हो सकता है. उन्होंने कहा कि पानी की खपत को कम करने के लिए चावल की खेती की जगह बाजरे की खेती की ओर कदम बढ़ाने की जरूरत है.
अमिताभ कांत ने कहा कि बाजरा पोषक तत्वों और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होता है, विशेष रूप से प्रोटीन और कैल्शियम इसमें प्रचुर मात्रा में होता है. इसलिए बाजरा का इस्तेमाल महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा कवच योजनाओं में किया जाना चाहिए.
उन्होंने एक ट्वीट में भी कहा कि बाजरा के प्रचार के बारे में राज्यों के साथ सकारात्मक बातचीत हुई है. बाजरा विशेष रूप से प्रोटीन और कैल्शियम के अलावा सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर और समृद्ध होते हैं.
नेशनल कंसल्टेशन ऑन प्रमोशन ऑफ मिलेट्स पर हुई वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुये अमिताभ कांत ने ये बात कही. इस बैठक में राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए और देश में पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देने की योजनाओं में बाजरे को शामिल करने के संभावित तरीकों पर चर्चा की गई.