बीते बुधवार को संसद की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था। लोकसभा सदन में दर्शक दीर्घा में बैठे दो व्यक्ति ने सभी को उस वक्त चौंका दिया, जब वे अचानक वहां से कूदकर सांसदों के बीच जा पहुंचे थे। इस दौरान आरोपियों ने जमकर हंगामा किया। बीते बुधवार सदन के भीतर मौजूद दो आरोपियों में से एक आरोपी सासंदों की सीट पर जा पहुंचा था। इस घटना को देखकर वहां पर मौजूद सासंदों और सुरक्षा कर्मियों के हाथ पांव फूल गए थे। हालांकि दो आरोपियों में से एक आरोपी को वहां मौजूद सांसदों और सुरक्षा कर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद पकड़ लिया था और जमकर धुनाई की थी। घटना के बाद से ही विपक्षी दल केंद्र सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। विपक्षी सांसद लगातार घटना को लेकर चर्चा की मांग कर रहे हैं। लेकिन विपक्षी सांसदों द्वारा ‘कार्यवाही में व्यवधान’ डालने के आरोप में अब तक 92 सांसदों को संसद की शेष शीतकालीन सत्र की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया है। जिसके बाद से तमाम राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आई है।
सरकार ने लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़े में फेंका- मल्लिकार्जुन
कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने लोकतंत्र के मंदिर ‘संसद’ पर हमला किया, अब मोदी सरकार सदन में इस मुद्दे पर चर्चा न करवाकर लोकतंत्र और संसद पर हमला कर रही है। मोदी सरकार ने लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़े में फेंक दिया, जब उन्होंने 47 सांसदों को निलंबित किया है। विपक्ष से रहित संसद के साथ मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है। बिना किसी बहस के इन्हें कूचल सकती है।
हमने की चर्चा की मांग, तो निलंबित कर दिया-प्रियंका चतुर्वेदी
वहीं शिवसेना (यूटीबी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि सांसदों को निलंबित किया जा रहा है, ऐसी तानाशाही नहीं चलेगी। यह देश को स्वीकार्य नहीं है। जनता के विश्वास पर उन्हें भी जनादेश मिला है। जनादेश इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को एक महत्वपूर्ण मुद्दा माना था। आज सबसे सुरक्षित इमारत पर ही हमला हो रहा है। इस पर न तो प्रधानमंत्री बोल रहे, न ही गृह मंत्री बोल रहे। जब सांसदों ने सरकार ने मुद्द पर चर्चा करने की मांग की तो सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
विपक्ष ही नहीं सदन में, तो सदन और लोकतंत्र का क्या मतलब-सुप्रिया
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मेरी प्रधानमंत्री मोदी को सलाह है कि वे ये लोकतंत्र, सदन, सासंद का सारा ढोंग छोड़ दें। अपनी तानाशाही चलाएं, जब कोई भी उनसे सवाल पूछेगा, वे उन्हें निलंबित करते जाएंगे। पीएम मोदी को विपक्ष का चेहरा बर्दाश्त नहीं है। ये कितनी बड़ी विडंबना है कि विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी को ही निलंबित कर दिया। सदन में विपक्ष की आवाज ही नहीं तो सदन और लोकतंत्र का क्या मतलब है।
अभद्र व्यवहार के कारण विपक्ष सांसद निलंबित- जी किशन रेड्डी
कई विपक्षी सांसदों के निलंबन पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने आज अभद्र व्यवहार किया। विपक्ष असुरक्षित महसूस करने लगा है। उनके पास पीएम मोदी के खिलाफ कोई एजेंडा या मुद्दा नहीं है। वे सदन को चलने ही नहीं दे रहे हैं। इसलिए अध्यक्ष ने उन्हें शेष कार्यवाही से निलंबित कर दिया है। हमने इसका समर्थन किया है।
क्या है मामला?
लोकसभा सदन में 13 दिसंबर की दोपहर उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब सदन में मौजूद दर्शन दीर्घा से दो व्यक्ति कार्यवाही के दौरान सांसदों के बीच कूद गए। इस दौरान आरोपियों द्वारा कलर स्मॉग सदन के भीतर छोड़ा गया था। सांसदों की सीट पर जाकर आरोपी द्वारा हंगामा किया गया था। उस दौरान मौजूद सांसदों, सुरक्षा कर्मियों ने आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस ने मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है।