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फाइलेरिया उन्मूलन अभियान : MDA राउंड से पहले परिवार सर्वे और माइक्रोप्लानिंग पर प्रशिक्षण, उसके बाद खिलाई जाएगी  दवा

  • Published by- @MrAnshulGaurav Written by ShivPratapSinghSengar
  • Thursday, 10 March , 2022

सुल्तानपुर। फाइलेरिया को जड़ से ख़त्म करने के लिए फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है । इसके तहत मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (सर्व जन दवा सेवन) कार्यक्रम अप्रैल में चलाया जाना है। एम.डी.ए. राउंड से पहले परिवार सर्वे और माइक्रोप्लानिंग के बारे में जिला महिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है।

इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में जिला महिला चिकित्सालय में वृहस्पतिवार को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। इसमें जिले के सभी चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक, बी.सी.पी.एम., एच.ई.ओ. व ए.आर.ओ. ने प्रतिभाग किया। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि फाइलेरिया ऐसी बीमारी है जिसका पता बहुत बाद में चलता है। एक बार यदि फाइलेरिया गंभीर स्थिति में पहुँच जाता है तो इसका उपचार नहीं किया जा सकता। इसलिए आवश्यक है कि सभी लोग फाइलेरिया से बचाव की दवा साल में एक बार जरूर खाएं।

MDA राउंड से पहले परिवार सर्वे और माइक्रोप्लानिंग पर प्रशिक्षण

फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में सहयोगी संस्था पाथ की ओर से रीजनल एन.टी.डी. नोडल डॉ. जसप्रीत कौर ने सभी को परिवार सर्वे, माइक्रोप्लानिंग, रिपोर्टिंग, सुपरविज़न और कार्यक्रम की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले की कुल आबादी 2822169 में से लगभग 2398843 को एम.डी.ए. राउंड के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए 2260 टीम और 340 सुपरवाइजर लगाये जायेंगे।

प्रशिक्षण में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि एम.डी.ए. राउंड में सभी पात्र लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी। इससे पहले सभी परिवारों का सर्वे कर माइक्रोप्लान तैयार किया जायेगा। माइक्रोप्लान के आधार पर ही एम.डी.ए. राउंड चलाया जायेगा। सबसे पहले 21 मार्च से आशा कार्यकर्त्ता घर-घर सर्वे करेंगी, इसके बाद माइक्रोप्लान बनाया जायेगा।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में शिक्षा विभाग, पंचायती राज, आपूर्ति विभाग और आई.सी.डी.एस. विभाग का सहयोग भी लिया जायेगा। कार्यक्रम के दौरान दो सदयीय टीम घर-घर जाकर दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को छोड़कर अन्य सभी को डी.ई.सी (.उम्र के अनुसार) और अल्बेंडाज़ोल दवा खिलाएंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला महिला चिकित्सालय के अधीक्षक, जिला मलेरिया अधिकारी बंशी लाल,अर्बन यूनिट नोडल अधिकारी डॉ. लाल जी, बायोलोजिस्ट प्रियंका त्रिपाठी और चिकित्सक व विभागीय कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया ।

 

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