उन्नत अस्त्र प्रणाली से सुसज्जित पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को 29 जुलाई को भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने की संभावना है. यह बात एक आधिकारिक बयान में कही गई.
भारतीय वायुसेना ने कहा कि इन विमानों को शामिल किए जाने से संबंधित अंतिम समारोह अगस्त के दूसरे पखवाड़े में होगा. इसने कहा कि भारतीय वायुसेना के पांच राफेल विमानों की पहली खेप के जुलाई के अंत तक भारत पहुंचने की संभावना है.
विमान को अंबाला वायुसेना स्टेशन में 29 जुलाई को शामिल किए जाने की संभावना है. भारतीय वायुसेना ने कहा कि वायुसेना के हवाई चालक दल और जमीनी चालक दल के सदस्यों ने अत्याधुनिक अस्त्र प्रणालियों सहित विमान से संबंधित समग्र प्रशिक्षण हासिल किया है और अब ये पूरी तरह परिचालित हैं.
विमानों के पहुंचने के बाद के प्रयास विमान को जल्द से जल्द अभियानगत रूप से परिचालित करने पर केंद्रित होंगे. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात किए जाने की संभावना है, जिससे कि भारतीय वायुसेना चीन के साथ विवाद के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी अभियानगत क्षमताओं को मजबूत कर सके.
भारतीय वायुसेना ने एक अलग बयान में कहा कि बल के शीर्ष कमांडर बुधवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय सम्मेलन में मौजूदा अभियान परिदृश्य और तैनाती का जायजा लेंगे. अगले दशक में भारतीय वायुसेना की अभियानगत क्षमता में वृद्धि करने के लिए कार्ययोजना पर भी चर्चा की जाएगी.
अधिकारियों ने कहा कि राफेल विमानों के आने के बाद वायुसेना की लड़ाकू क्षमताओं में और वृद्धि होगी. भारत ने लगभग 58 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इन 36 राफेल विमानों में से 30 लड़ाकू विमान और छह प्रशिक्षण देने वाले विमान होंगे.