वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज माल एवं सेवा कर (GST) परिषद (GST Council meeting) की पहली मीटिंग होगी. इस मीटिंग में अन्य मुद्दों के अतिरिक्त राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) को एक वर्ष का विस्तार देने पर विचार किया जाएगा. सीतारमण ने पिछले महीने ही वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाली है. स्वास्थ्य कारणों से पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फिर से यह जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया था.इन मुद्दों पर होने कि सम्भावना है फैसला
इसके अतिरिक्त मीटिंग में एकल बिंदु रिफंड प्रणाली व ई-चालान (ई-इनवॉइस) जारी करने के लिए कंपनियों के लिए एक प्रणाली पर भी चर्चा होगी. मीटिंग के एजेंडा में एक अप्रैल, 2020 से जीएसटी-ईवे बिल प्रणाली का एनएचएआई की फास्टैग प्रणाली में एकीकरण भी शामिल है. इससे माल की आवाजाही की निगरानी की जा सकेगी व GST चोरी को रोका जा सकेगा.
राष्ट्रीय पीठ के गठन पर होगी चर्चा
परिषद की मीटिंग में अग्रिम फैसला अपीलीय प्राधिकरण (एएआर) के लिए राष्ट्रीय पीठ के गठन पर भी चर्चा होगी. इसके जरिये विभिन्न राज्यों में एएआर द्वारा जारी एक जैसे मुद्दों पर विरोधाभासी फैसलों को लेकर निवारण किया जाएगा जिससे करदाताओं के सामने चीजों में स्पष्टता आ सके.
इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा
परिषद की मीटिंग में GST कानून में बदलावों के लिए संशोधन विधेयक के मसौदे पर भी चर्चा होगी. इससे कारोबारियों व कंपनियों को GST भुगतान में हुई गलती को सुधारने में मदद मिलेगी. साथ ही GST भुगतान में देरी पर ब्याज सिर्फ नकदी वाले हिस्से पर लागू होगा. राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के संदर्भ में परिषद इसका कार्यकाल एक वर्ष बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 तक करने पर विचार करेगी.
2017 को लागू हुआ था जीएसटी
सरकार ने एक जुलाई, 2017 को GST को लागू किए जाने के तत्काल बाद दो वर्ष के लिए एनएए के गठन को मंजूरी दी थी. एनएए का गठन GST दरों में कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को स्थानांतरित नहीं करने वाली कंपनियों के विरूद्ध शिकायतों की जाँच के लिए किया गया था. इसके अतिरिक्त परिषद GST रिफंड की मंजूरी व उसकी जाँच के लिए एकल बिंदु व्यवस्था पर भी विचार करेगी.