दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘गोली मारो’ और ‘भारत-पाक मैच’ जैसे बयानों ने भाजपा नेताओं को बचना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पार्टी इस तरह के बयानों से खुद को अलग रखती है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि ‘देश के गद्दारों को’ जैसे बयान नहीं देने चाहिए। हो सकता हो कि पार्टी नेताओं द्वारा दी गई हेट स्पीच से पार्टी को नुकसान हुआ हो। एक चैनल के कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि हम सिर्फ हार या जीत के लिए चुनाव नही लड़ते हैं। बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो अपनी विचारधारा के विस्तार में विश्वास रखती है।
अमित शाह ने कहा, ‘जब से मैं राष्ट्रीय राजनीति में आया हूं, तब से मैं जी जान से चुनाव लड़ता रहा हूं। दिल्ली चुनाव में कोई पहली बार परिणाम विपरीत नहीं आए हैं, कई बार विपरीत परिणाम आए हैं, तब भी इतनी ही जी जान से मैंने काम किया।’ उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी का कार्यकर्ता हूं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी विचारधारा पहुंचाने की कोशिश करता हूं।
उन्होंने कहा, ‘जो कोई भी सीएए से जुड़े मुद्दे पर मुझसे बात करना चाहते हैं, वह मेरे कार्यालय से समय ले सकते हैं, तीन दिन के भीतर समय दिया जाएगा।’ उन्होंने कांग्रेस पर धर्म के आधार पर देश का विभाजन करने का आरोप लगाया।
गृह मंत्री ने कहा, ‘देश में 70 साल से कई मुद्दे लटके थे। नरेंद्र मोदीजी ने कई निर्णायक फैसले लिए और दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए सारे फैसले लिए हैं। जहां तक प्रदर्शन करने का सवाल है, लोकतंत्र में सबको शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है। लेकिन बस जलाने का किसी को अधिकार नहीं है। शांतिपूर्ण धरना करना या किसी की बस और स्कूटी जला देना, इन दोनों मामलों में अंतर है।’