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शिक्षा में समानता एवं एकरूपता के बिना समुचित विकास की कल्पना अधूरी: अनुपम मिश्र

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्र ने भारत सरकार द्वारा शिक्षा नीति में किए गए आमूल चूल परिवर्तन की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक बहुप्रतीक्षित कदम था जो काफी विलंब से उठाया गया, जबकि शिक्षा राष्ट्र निर्माण एवं उत्थान का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार इस शिक्षा नीति से शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन आयेगा लेकिन सबके लिए समान शिक्षा न होना इस शिक्षा नीति में मूलभूत त्रुटि है।

Dr. Masood ahmed said populist budget for Lok Sabha elections
Dr. Masood ahmed-RLD

श्री मिश्र ने कहा कि देश में एक संविधान, एक निशान की वकालत करने वाले लोग ही एक समान शिक्षा नीति को लागू करना भूल गए जबकि भारत जैसे विशाल विविधता वाले देश में इसकी सर्वाधिक आवश्यकता है। सभी छात्रों को एक समान शिक्षा पाने का अधिकार होना चाहिए। एक बोर्ड एक पाठ्यक्रम हो और एक जैसा शिक्षण संस्थान होना चाहिए। फिर चाहे प्रधानमंत्री का बेटा हो या संतरी का बेटा हो। सभी को एक जैसी शिक्षा मिलनी चाहिए।

रालोद सचिव ने कहा कि समान शिक्षा नीति लागू करना भारत के भविष्य के लिए एक दूरगामी कदम होगा फिर न तो कोई भेदभाव होगा और न ही किसी आरक्षण की आवश्यकता होगी। प्रस्तुत की गयी नीति यह स्पष्ट करती है कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का नारा खोखला है। जब तक शिक्षा में समानता एवं एकरूपता लागू नहीं होगी तब तक देश में समुचित विकास होना कोरी कल्पना होगी।

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