गोरखपुर। अभियंताओं और कर्मचारियों की गुरुवार रात 10 बजे से शुरू हुई 72 घंटे की हड़ताल से पूरे जिले में बिजली व्यवस्था पटरी से उतर गई है। 40 से ज्यादा उपकेंद्र बंद हो चुके हैं। इस कारण तीन लाख से ज्यादा घरों को बिजली नहीं मिल रही है।
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महानगर में संविदा कर्मियों के काम करने के बावजूद ज्यादातर उपकेंद्र बंद पड़े हैं। शुक्रवार सुबह टाउनहॉल उप केंद्र में लगा 7.50 एमबीए के ट्रांसफार्मर में आग लग गई। इससे जिला अस्पताल की भी बिजली बंद हो गई है। अस्पताल में जांच कराने के लिए आने वाले रोगी और तीमारदार परेशान घूम रहे हैं।
हर तरफ दिख रहा हड़ताल का असर
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में शुरू हुई हड़ताल का असर हर जगह देखने को मिल रहा है। बिजली न होने के कारण सबसे ज्यादा संकट पानी का खड़ा हो गया है। ज्यादातर घरों में इनवर्टर भी बंद हो गए हैं।
मोहद्दीपुर में अभियंता और कर्मचारी मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार और प्रबंधन उनकी मांगें नहीं मान लेता हड़ताल खत्म नहीं की जाएगी। यदि प्रशासन गिरफ्तारी या उत्पीड़न करेगा तो हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया जाएगा।
उपकेंद्रों पर हैं लेखपाल पर बेबस
प्रशासन ने उपकेंद्रों पर लेखपालों को तैनात किया है लेकिन तकनीकी जानकारी न होने के कारण वह भी संविदाकर्मियों के साथ बस इधर से उधर घूम रहे हैं। हालांकि लेखपाल संघ ने उपकेंद्रों पर लेखपालों की तैनाती का विरोध शुरू कर दिया है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कोई भी लेखपाल उपकेंद्र पर काम नहीं करेगा।
यह उपकेंद्र हैं बंद
मछलीगांव, कैंपियरगंज ग्रामीण, सोनौरा, पीपीगंज, नेतवर, सिंघोरवा, जंगल कौड़िया, सरहरी, एफसीआई गोरखपुर, कैंपियरगंज तहसील, अमहिया, चौरीचौरा, मुंडेरा, खुटहन, सरदारनगर, जगदीशपुर, नैयापार, भटहट, बड़हलगंज, डेरवा, पादरी बाजार, घघसरा, पाली, खजनी, सहजनवां तहसील, सहजनवां ग्रामीण, अहिरौली, चैनपुर, कल्याणपुर मठिया, बांसगांव ग्रामीण, बांसगांव तहसील, बिधनापार, धुरियापार, रानीपुर, कौड़ीराम, हरपुर अनंतपुर, गोला बाजार, गोला तहसील, हरिहरपुर, नौसढ़, सेवई, खजनी तहसील।
रिपोर्ट-रंजीत जायसवाल