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प्रथम प्रयास में ही शिखा शुक्ला बनीं एसडीएम

लखनऊ। पहले ही प्रयास में पीसीएस बनीं पर आईएएस बनना एक सपना है। मां के सम्बल और पिता के आशीर्वाद से जीवन की कई बाधाओं को यूं ही हंसते-हंसते पार करने के बाद अब शिखा शुक्ला प्रांतीय सिविल सेवा के लिए चयनित हो गयीं हैं। शिखा ने इस परीक्षा में 59वीं रैंक हासिल किया है। हालांकि पीसीएस बनने के बाद भी अभी उनकी तमन्ना भारतीय प्रसाशनिक सेवा में जाने यानि आईएएस बनने की है।वह अपने पहले ही प्रयास में पीसीएस बन गयीं हैं।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित राज्य की सबसे बड़ी सेवा प्रांतीय सिविल सेवा पीसीएस 2018 का फाइनल रिजल्ट जारी हो गया है। जिसमें लखनऊ की शिखा शुक्ला, जो कानपुर से स्नातक हैं पीसीएस के अपने पहले ही प्रयास में एसडीएम बन एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शिखा शुक्ला की प्राथमिक शिक्षा एलपीएस गोमतीनगर लखनऊ से हुई है। एसडीएम बनने के पहले शिखा शुक्ला 2012 में रिजर्व बैंक में सहायक के पद पर भी चयनित हो तकरीबन डेढ़ साल की नौकरी लखनऊ में कर चुकी हैं। 2012 में ही शिखा शुक्ला का चयन बैंक पीओ में भी हो चुका था लेकिन शिखा ने इसे ज्वाइन नहीं किया था। इसके बाद एसएसई के तहत शिखा का चयन रेलवे बोर्ड में असिस्टेंट सेक्सन ऑफिसर के पद पर हुआ। बैंक को अलविदा कह शिखा ने रेलवे को अपने करियर के रूप में चुना।

शिखा का लक्ष्य आईएएस बन देश और समाज की सेवा करना है इसीलिए वह मुख्यतः आईएएस की तैयारी कर रही हैं। अब तक चार बार आईएएस की लिखित मुख्य परीक्षा दे चुकी हैं। साथ ही एक बार आईएएस का साक्षात्कार भी दे चुकी हैं। शिखा के पिता रामेंद्र कुमार शुक्ला ने काफी पहले ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। पिता की मृत्यु के बाद माँ रजनी शुक्ला ने ही शिखा को पढ़ाया लिखाया। शिखा अपनी सफलता का श्रेय भी अपनी माँ को ही दे रही हैं। शिखा अब भी अपनी आईएएस की परीक्षा देकर आईएएस बनने का सपना देख रही हैं और उन्हें विश्वास है कि एक दिन वो अपना सपना पूरा कर लेंगी।

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