जापान के टोक्यो में अगले साल होने वाले ओलिंपिक गेम्स (Olympics games) से पहले भारत की मुश्किलें बढ़ गई है। ओलंपिक (Olympics) से पहले डोपिंग( doping) नाम का जीन फिर से जाग गया है। जानकार कहते हैं कि प्रतिस्पर्धा जितनी बढ़ेगी, डोपिंग के मामले भी उतने ही बढ़ेंगे। अगर इस पर कंट्रोल बढ़ाना है तो वाडा को निष्पक्ष होकर कड़ाई से अपने नियमों का पालन करवाना होगा।
वर्ल्ड ऐंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि 2017 में अंतरराष्ट्रीय खेलों में डोपिंग के मामले साल 2016 की तुलना में 13 प्रतिशत बढ़े हैं। वाडा ने कहा कि 2017 में डोपिंग के 1804 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2016 में इनकी संख्या 1595 थी। रिपोर्ट में कहा गया कि 2017 में दर्ज मामले 114 देशों के थे। इटली के सर्वाधिक 171 खिलाड़ी डोपिंग के दोषी पाए गए जबकि फ्रांस के 128 और अमेरिका के 103 खिलाड़ी दोषी रहे। बॉडीबिल्डिंग में सबसे ज्यादा 266 और ऐथलेटिक्स में 242 खिलाड़ी दोषी रहे।
भारत में डोप मामलों पर नजर रखने वाली संस्था नैशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) को सबसे पहले मजबूत करने की जरूरत है। नाडा के पास फंड के साथ-साथ स्टाफ की भी कमी है। अधिकतर समय सैंपल जुटाने या अन्य कार्यों के लिए नाडा को छोटे-छोटे समय के कॉन्ट्रैक्ट पर लोगों को रखना पड़ता है। इस वजह से 10 करोड़ के उसके सालाना बजट में से करीब एक करोड़ कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए स्टाफ पर ही खर्च हो जाते हैं। लोगों की कमी के कारण कई बार वह बड़े इवेंट भी मिस कर जाती है।
साल 2018-19 में भारत में कुल 187 मामले ऐसे रहे, जहां डोपिंग नियमों का उल्लंघन हुआ। शूटर रवि कुमार और बॉक्सर सुमित सांगवान का डोप में फेल होना ताजा घटना है। इससे पहले शॉट पुटर मनप्रीत कौर और इंद्रजीत सिंह, क्रिकेटर पृथ्वी शॉ जैसे बड़े नाम भी डोप के दोषी पाए गए। साल 2017-18 के दौरान भारत में 74 ऐथलीट डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए, जबकि 2018-19 में संख्या दोगुनी से ज्यादा होकर 187 तक पहुंच गई। अगले साल तोक्यो में ओलिंपिक गेम्स होने हैं और डोप के बढ़ते मामले विश्व पटल पर भारत की शर्मिंदगी का कारण बन सकते हैं।
खेल मंत्री किरण रिजिजू भी देश में डोपिंग के मामले बढ़ने से परेशान हैं। उन्होंने कहा था कि ये मामले ‘काफी परेशान’ करने वाले हैं और देश में स्वच्छ खेल संस्कृति का विकास करने की जरूरत है ताकि विदेश में ऐसे मामलों में पकड़े जाने के बाद हमारी छवि खराब ना हो। उन्होंने कहा कि भारत को एक स्वच्छ खेल राष्ट्र बनने के लिए ऐसे मामलों में शामिल होने वालों को पकड़ना चाहिए और अज्ञानता के कारण इसमें फंसने वालों को शिक्षित करने के लिए प्रयास करना चाहिए।