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जार्जिया के बेनतिनिडिस ने ही अपनी कोचिंग में बजरंग को संसार के नंबर एक पहलवान बनाया था. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बजरंग व कोच शेको के बीच नूर सुल्तान में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान ही दूरियां आ गई थी, टूर्नामेंट में कांसे से संतोष करने वाले बजरंग सेमीफाइनल में कजाखस्तान के दौलत नियाजबेकोव से टाई ब्रेकर के आधार पर पराजय गए थे. बजरंग के कोच शेको बेनतिनिडिस ने जजों के नियाजबेकोव को 4 अंक दिए जाने के निर्णय को चुनौती दी थी, लेकिन जजों ने इस चुनौती को खारिज कर दिया था इसके चलते नियाजबेकोव को 1 अंक मिला.
भारतीय कुश्ती महासंघ का मानना था कि शेको बेनतिनिडिस के जजों के निर्णय को चुनौती देने की वजह से बजरंग को सेमीफाइनल में पराजय मिली, उनके हिंदुस्तान लौटने के बाद इस बारे में सवाल जवाब भी किए गए थे. बेनतिनिडिस को आगाह किया गया था कि कुश्ती महासंघ की बुराइयां बंद करें.
इसके अतिरिक्त भी बेनतिनिडिस को हटाने के कई कारण थे. जैसे सार्वजनिक जगहों पर बजरंग व कुश्ती महासंघ का शर्मिंदा करना व भारतीय कोचों के साथ बुरा बर्ताव शामिल है. नूर सुल्तान में एक्रिडिटेशन कार्ड को लेकर वे यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अधिकारियों से भिड़ गए थे, इसके अतिरिक्त वे बजरंग को उनके दोस्तों और प्रेमिका संगीता फोगाट से भी दूर रखने की प्रयास कर रहे थे. अब पूनिया अपने लिए नया कोच ढूंढने में भी लग गए हैं. क्यूबा के यांद्रो मिगुएल क्विंटाना पिछले कुछ दिनों से बजरंग का कोच बनने के लिए ऑडिशन दे रहे हैं.