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Indian New Year Fair and Chaiti Mahotsav 2025: राम और कृष्ण हमारी संस्कृति के पर्याय : अवधेश मिश्र

लखनऊ। श्री रामलीला समिति, ऐशबाग (Shri Ramlila Committee, Aishbagh), लखनऊ द्वारा भारतीय नववर्ष मेला एवं चैती महोत्सव 2025 (Indian New Year Fair and Chaiti Mahotsav 2025) के अंतर्गत आयोजित श्री कृष्णलीला (Shri Krishnalila) के अवसर पर प्रख्यात कलाकार एवं कलाचार्य अवधेश मिश्र तथा कलासमीक्षक एवं शिक्षाविद डॉ लीना मिश्र (Artist, Kalacharya Awadhesh Mishra And Art Critic and Educationist Dr Leena Mishra) को तुलसी रंगमंच (Tulsi Rangmanch) पर भारतीय कला संस्कृति के सतत संरक्षण, प्रलेखन और उन्नयन के क्षेत्र में प्रकारांतर से किए जा रहे अवदान हेतु सम्मानित (Honoured) किया गया। इस अवसर पर रामलीला मैदान में उपस्थित नगर के असंख्य लीला प्रेमियों के साथ मंजू अग्रवाल, डॉ नलिनी गुप्ता, डॉ विनय गुप्ता एवं सभी पदाधिकारीगण अपने परिवार एवं मित्रों सहित उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि डॉ अवधेश मिश्र ने एक लंबे समय से कला दीर्घा, अंतरराष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका का संपादन तथा संवेदना और कला, पहला दस्तावेज़, कला विमर्श आदि पुस्तकों के साथ ही अनेक कला संस्थाओं द्वारा प्रकाशित महत्त्वपूर्ण भारतीय कलाकारों पर मोनोग्राफ लिखकर कला क्षेत्र में उल्लेखनीय डॉक्यूमेंटेशन किया है। डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ में अध्यापन के साथ डॉ अवधेश मिश्र ने अब तक अपनी कलाकृतियों की देश विदेश में 18 एकल एवं अनेक सामूहिक प्रदर्शनियां, विभिन्न महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भागीदारी और कला के क्षेत्र में अकादमिक अवदान दिया है।

इसी प्रकार डॉ लीना मिश्र ने बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज, मोती नगर, लखनऊ की प्रधानाचार्य का दायित्वनिर्वहन करते हुए कला दीर्घा, अंतर्राष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका के सहसंपादक का उत्तरदायित्व एवं अनेक कला गतिविधियों का आयोजन और कलाओं पर सतत लेखन जैसे उल्लेखनीय कार्य किए हैं।

श्री रामलीला समिति के अध्यक्ष हरीश चंद्र अग्रवाल, मंत्री शील कुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष ऋतुराज रस्तोगी और मंजू अग्रवाल ने डॉ अवधेश मिश्र और डॉ लीना मिश्र को सम्मानित करते हुए कहा कि यह समिति अब तक रामलीला करती आ रही थी और अब कृष्णलीला भी आयोजित कर रही है और इस बहाने श्रीराम और श्रीकृष्ण द्वारा स्थापित जीवन और नैतिक मूल्यों को भावी पीढ़ी तक प्रसारित कर एक आदर्श समाज की स्थापना का प्रयास करेगी। भारतीय कला संस्कृति के संरक्षण से सतत जुड़े डॉ अवधेश मिश्र एवं डॉ लीना मिश्र को सम्मानित करते हुए समिति और यह मंच स्वयं सम्मानित हो रहा है।

इस अवसर पर डॉ अवधेश मिश्र ने कहा कि श्रीराम और श्रीकृष्ण हमारे लिए ईश्वर के रूप में आस्था के प्रतिरूप तो हैं, वे हमारी संस्कृति हैं। उनका जीवन और आदर्श हमारे लिए प्रतिपल प्रेरक और कल्याणकारी है। उनके जीवन से हम सब हमेशा सीखते और समृद्ध होते हैं। उनके द्वारा स्थापित आदर्शों से सत्कर्म को प्रेरित होकर परिवार, समाज, राष्ट्र और मानवता के कल्याण को प्रवृत्त होते हैं। हम सबको अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए, यही हमारी पहचान है। डॉ मिश्र ने कहा कि तुलसी रामलीला समिति द्वारा इस दिशा में किये जा रहे अविस्मरणीय अवदान के प्रति हम सभी आभारी हैं। यह समिति न कि युवा संस्कृतिकर्मियों को एक मंच देती है बल्कि वरिष्ठ कलाकारों को भी सम्मान देकर समाज के समक्ष उनके अवदान को रेखांकित करती है। यह अनुकरणीय है।

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