ब्रिटेन से जुड़े खबर को लेकर एक खुफिया पत्रकार के दावे ने दुनियाभर के लोगों को हैरान कर दिया है। मानवाधिकार का हितैषी कहे जाने वाला ब्रिटेन में ही मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। खुफिया पत्रकार द्वार दावे में कहा गया कि उत्तर-पूर्व इंग्लैंड में बुजुर्गों के लिए एक देखभाल गृह बनाया गया है, जहां बड़ी संख्या में कर्मचारी काम करते हैं। भारतीय मूल के खुफिया पत्रकार ने दावा किया कि यहां बुजुर्गों के देखभाल में लगे कर्मचारियों का शोषण हो रहा है, जो एक चिंता का विषय है।
साथ ही पत्रकार ने दावा किया कि इनमें कई कर्मचारी विदेश से भर्ती किए गए हैं। साथ ही दावा किया गया कि देखभाल में लगे कर्मचारियों से एक भारतीय भर्ती एजेंसी द्वारा हजारों पाउंड का शुल्क लिया जाता है। अगर वहां मौजूद नर्स छोड़ने की कोशिश करती है तो उन पर वित्तीय दंड लगा दिया जाता है, साथ ही अनुबंध की शत्तों को पूरा न करने का हवाला दिया जाता है।
पिछले साल के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, स्वास्थ्य और देखभाल उद्योग में कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए ब्रिटेन आने के लिए विदेशी श्रमिकों को 1 लाख से अधिक वीजा जारी किए गए थे, इनमें से 39 हजार वीजा भारत के लोगों के पास गए थे। दवा करने वाले पत्रकार बालगोपाल ने एक बयान में कहा, जैसे-जैसे मैं विदेशी देखभालकर्ताओं के जीवन में गहराई से उतरा, मैंने शोषण, कर्ज, परिवार से अलगाव और गलतियां करने के लगातार डर की कहानी सुनी।
साथ ही उन्होंने कहा कि स्थायी वीजा लेना एक कठिन काम बन गया है, जिससे देखभाल गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। जिन लोगों को देखभाल का काम सौंपा गया है, वे वहां शोषण का सामना कर रहे हैं। यहां तक कि वहां मौजूद कर्मियों को अन्य नौकरी में जाने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह शोषण की एक पराकाष्ठा है।