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दो बड़ी डील्स के साथ भारत के कोला किंग रवि जयपुरिया की ग्लोबल मार्केट में उतरने की तैयारी

अरबपति उद्योगपति और RJ कॉर्प के चेयरमैन रवि जयपुरिया (Ravi Jaipuria) भारत के बाहर अपना कारोबार बढ़ाने की योजना बना रहे हैं. इसके लिए उनकी कंपनी ने दो बड़ी अंतरराष्ट्रीय डील भी की हैं. वरुण बेवरेजेज (Varun Beverages) अमेरिका के बाहर पेप्सिको के सॉफ्ट ड्रिंक ब्रैंड्स के लिए दूसरी सबसे बड़ी बोटलिंग पार्टनर है. कंपनी ने ‘द बेवरेज कंपनी’ (प्रोप्रयाटिरी लिमिटेड) का अधिग्रहण करके दक्षिण अफ्रीकी बाजार में एंट्री का ऐलान किया है. कंपनी ने ये डील 1,320 करोड़ रुपये में की है.

कंपनी की थाइलैंड में विस्तार की योजना

इसके अलावा RJ कॉर्प की देवयानी इंटरनेशनल भी थाइलैंड में अपना विस्तार करने की तैयारी में है. कंपनी ने ‘रेस्टोरेंट्स डेवलपमेंट कंपनी’ में कंट्रोलिंग हिस्सा खरीदने के लिए शेयर पर्चेज एग्रीमेंट किया है. ‘रेस्टोरेंट्स डेवलपमेंट कंपनी’ के अधिग्रहण की लागत 1,066 करोड़ रुपये है. इसकी फंडिंग देवयानी (341 करोड़ रुपये), टेमासेक होल्डिंग्स एडवाइजर्स (328 करोड़ रुपये), एक लोकल थाई पार्टनर (11.9 करोड़ रुपये) के इक्विटी इंवेस्टमेंट और लोकल डेट से फंड किया जाएगा.

इन दोनों खरीदारी ने शेयर बाजार में इन कंपनियों के निवेशकों में उत्साह पैदा किया है. पेप्सी इंडिया की बोटलर वरुण बेवरेजेज का शेयर 18% की तेजी के साथ 52 हफ्ते की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. इस साल शेयर में अब तक 95% की तेजी आई है. इससे जयपुरिया की दौलत 5 बिलियन डॉलर बढ़कर 13.7 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है.

वरुण बेवरेजेज का मार्केट कैपिटलाइजेशन बढ़ा

पिछले कुछ दिनों के दौरान शेयर में तेजी की वजह से वरुण बेवरेजेज का मार्केट कैपिटलाइजेशन बढ़कर 1.68 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है. उनकी दौलत का बड़ा हिस्सा वरुण बेवरेजेज की हिस्सेदारी से आता है. ये कंपनी उन्होंने अपने बेटे के नाम से शुरू की है. जबकि देवयानी इंटरनेशनल का नाम उनकी बेटी के नाम पर है.

जानकार देवयानी की थाइलैंड डील को लेकर कुछ सतर्क हैं. जबकि वरुण बेवरेजेज के अधिग्रहण को वो सही दिशा में कदम के तौर पर देख रहे हैं. पिछले दशक में महामारी आने तक कई कंपनियों जैसे गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, मैरिको, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, डाबर इंडिया, इमामी इंडिया ने विदेशी बाजारों में कदम रखा है और पश्चिम एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी मौजूदगी को बढ़ाया है.

घरेलू बाजार में अपनी सफलता को दोहराते हुए वरुण बेवरेजेज पिछले कुछ समय से खरीदारी की कोशिश कर रही है. इससे पहले कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका में एक पूरे मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी की शुरुआत की थी. कंपनी के मुताबिक अधिग्रहण के लिए काफी सकारात्मक बिंदु मौजूद हैं. दक्षिण अफ्रीका, अफ्रीका में सबसे बड़ी सॉफ्ट ड्रिंक्स कंपनी में से एक है. हालांकि मार्केट ग्रोथ पिछले पांच सालों में 3.1% CAGR पर धीमी रही है.

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