Breaking News

भारत की वृद्धि दर दिसंबर तिमाही में 6.2 फीसदी रही, पूरे वित्त वर्ष में 6.5 % रहने का अनुमान

भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में मुख्य रूप से विनिर्माण और खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण घटकर 6.2 प्रतिशत रह गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर, 2024 तिमाही में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।

चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रही थी। इसके साथ ही, एनएसओ ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष के लिए देश की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने की बात कही है।

इसके पहले जनवरी, 2025 में जारी अपने पहले अग्रिम अनुमान में इसने चालू वित्त वर्ष के लिए 6.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था। एनएसओ ने पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के लिए जीडीपी वृद्धि को भी संशोधित कर 9.2 प्रतिशत कर दिया। पहले यह आंकड़ा 8.2 प्रतिशत का था।

आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जनवरी में 4.6 प्रतिशत रही
देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जनवरी महीने में बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गयी जो एक साल पहले इसी महीने में 4.2 प्रतिशत थी। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत थी।

इस साल जनवरी में कोयला उत्पादन 4.6 प्रतिशत, इस्पात उत्पादन 3.7 प्रतिशत और बिजली उत्पादन 1.3 प्रतिशत बढ़ा। पिछले साल इसी महीने में इन उद्योगों में क्रमशः 10.6 प्रतिशत, 9.2 प्रतिशत और 5.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। हालांकि, समीक्षाधीन महीने में रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक और सीमेंट का उत्पादन बढ़कर क्रमश: 8.3 प्रतिशत, तीन प्रतिशत और 14.5 प्रतिशत हो गया।

About News Desk (P)

Check Also

जियो के 5G नेटवर्क ने महाकुंभ में रचा इतिहास, एक दिन में हुए 2 करोड़ Call और 40 करोड़ नेट सर्फिंग

प्रयागराज। रिलायंस जियो (Reliance Jio) के 5G नेटवर्क ने महाकुंभ में एक नया रिकॉर्ड बनाया ...