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प्रजातांत्रिक शासन व्यवस्था में जन प्रतिनिधियों की विशेष भूमिका होती है। यह माना जाता है कि अपने क्षेत्र में उनका लोगों के साथ किसी ना किसी रूप में संवाद कायम रहता है। इस आधार पर स्थानीय समस्याओं की उनको बेहतर जानकारी होती है। जबकि समस्याओं का निस्तारण संबंधित अधिकारियों के स्तर से होता है। ऐसे में जन प्रतिनिधि व उनके क्षेत्र के अधिकारियों के बीच सार्थक सामंजस्य होना चाहिए। जिससे आम जन की समस्याओं का समाधान होता रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनपदों में दौरे के दौरान इसके लिए निर्देशित कर रहे है। उनका कहना है कि जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रत्येक सप्ताह एक बार जनप्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल बैठक कर स्थानीय समस्याओं और जरूरतों का संज्ञान लेते हुए उसका त्वरित निराकरण कराएं। जनप्रतिनिधि स्थानीय स्तर पर व्यापक भूमिका का निर्वाह कर सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निगरानी समितियों द्वारा लक्षणयुक्त तथा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जाए। इन लोगों का कोविड टेस्ट कराया जाए। ऐसे व्यक्तियों का विवरण आईसीसीसी को दिया जाए।
आईसीसीसीके माध्यम से इस सूची की एक प्रति जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध करायी जाए, ताकि वे भी मरीजों का हाल चाल लेते हुए फीडबैक प्राप्त कर सकें। टेस्ट के परिणाम के आधार पर लक्षणयुक्त तथा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों को आवश्यकतानुसार होम आइसोलेशन क्वारण्टीन सेण्टर अथवा अस्पताल में भेजा जाए। मुख्यमंत्री नवनिर्वाचित प्रधानों को बधाई भी दे रहे है। उनका कहना है कि ग्राम पंचायत के व्यापक हितों को ध्यान में आवश्यक है।
उन्होंने अधिकारियों को गांव की नियमित साफ सफाई एवं सैनिटाइजेशन कराए जाने के निर्देश दिए। लोगों को मास्क के अनिवार्य उपयोग तथा दो गज की दूरी का पालन करने के लिए निरन्तर जागरूक व प्रोत्साहित करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने गरीबों को राशन वितरण कार्य के सुचारू संचालन में जन प्रतिनिधियों से सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से प्रदेश में पन्द्रह करोड़ से अधिक जरूरतमन्दों को निःशुल्क राशन वितरित किया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा आगामी माह जून, जुलाई व अगस्त में अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों सहित सभी जरूरतमन्दों को खाद्यान्न वितरित कराया जाएगा। दिन प्रतिदिन की कमाई पर आश्रित गरीब एवं छोटे कामगारों को प्रदेश सरकार द्वारा एक हजार रुपए का भरण पोषण भत्ता प्रदान किया जाएगा। कम्युनिटी किचन के माध्यम से सभी जरूरतमन्दों और अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों के परिजनों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।