लखनऊ। नागरिकों की रक्षा एवं अग्नि से सुरक्षा संबंधित दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी प्रदर्शनी अंतर्राष्ट्रीय अग्नि एवं सुरक्षा प्रदर्शनी व सम्मेलन इंडिया ऐक्स्पो का 14वां संस्करण 9 से 11 दिसंबर तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान के हॉल नंबर 5 में होने जा रहा है जिसका आयोजन इंफॉर्मा मार्केट्स द्वारा किया जा रहा है एपीएसए, एएसआईएस दिल्ली, एएसआईएस बैंगलोर सीएपीएसआई, ईएसएआई, ईएलसीआईएनए, फोकस, जीएसीएस, आईआईएसएसएम वर्ल्ड यूएवी फैडरेशन इंडिया चैप्टर जैसे संगठनों से समर्थित इस आयोजन की नॉलिज पार्टनर है मिटकैट ऐडवाइज़री।
इस आयोजन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के जानेमाने प्रदर्शक सलाहकार कारोबारी विशेषज्ञ व अहम सरकारी अधिकारी एक मंच पर एकजुट होंगे। इंफॉर्मा मार्केट्स के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने नई दिल्ली में 14वें आईएफएसईसी की घोषणा पर कहा, “नई दिल्ली में आईएफएसईसी इंडिया के इन-पर्सन फॉरमेट की वापसी से हम बहुत खुश हैं यह आयोजन इस न्यू नॉर्मल जमाने में सुरक्षा उद्योग की जरूरतों को पूरा करेगा।
भारत में सुरक्षा बाजार 14 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, अपेक्षा है की महामारी के दौर में डिजिटलीकरण में वृद्धि से यह और बढ़ेगा तथा औद्योगिक परिसरों, सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर व रिहाइशी परिसरों के निर्माण के साथ सुरक्षा की आवश्यकता में वृद्धि होती रहेगी। भारत सरकार की अग्रसक्रिय नीतियों एवं स्मार्ट सिटी, आत्मनिर्भर भारत जैसे कदमों से एक ऐसा माहौल तैयार हो रहा है जहां व्यापार ज्यादा आसानी से विकसित हो सके, यदि इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दे दिया जाए तो इस वृद्धि को और अधिक तेज़ किया जा सकता है। महामारी के बाद की दुनिया में सम्पर्क रहित टेक्नोलॉजी को सभी उद्योगों में बड़े पैमाने पर उपयोग करने पर जोर दिया जा रहा है।
आईएफएसईसी इंडिया 2021 का लक्ष्य इस उद्योग की उन्नति के लिए उत्प्रेरक का काम करना। यह आयोजन इस क्षेत्र की कंपनियों को सहयोग करने, विचार करने, नवोन्मेष करने व रुझानों को पहचानने एवं बदलाव करने में मदद करता है। इस आयोजन का इरादा है की सुरक्षा के कार्य को निगरानी से आगे बढ़ाकर उसे प्रतिक्रियाशील बनाया जाए। भारत की सुरक्षा एवं बचाव उद्योग को विभिन्न वर्गों में बांटा जा सकता है जिनमें शामिल हैं- साइबर सुरक्षा, इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा, अग्नि रक्षा/खोज/रोकथाम, सड़क सुरक्षा, निजी व औद्योगिक सुरक्षा, पर्सनल प्रोटेक्टिव अपैरल एवं उपकरण। भारत में रक्षा व बचाव उद्योग बीते कुछ सालों में निरंतर प्रगति कर रहा है और इस उद्योग के विभिन्न सैगमेंट संभवतः 10-15 सालान की दर से बढ़ेंगे।
आबादी में बढ़ोतरी, तीव्र शहरीकरण, उद्योगों का विस्तार, व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर व जन परिवहन प्रणाली – ये सब व्यापक स्तर पर सुरक्षा एवं बचाव की मांग करते हैं, विशेषकर राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में।