टीम इंडिया (Team India) में वैसे तो कई गेंदबाज आए व गए, लेकिन कुछ खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा से खास प्रभाव छोड़ा। बाएं हाथ के ) ने जब 19 वर्ष की आयु में अपने करियर का पहला टेस्ट खेला, तो जल्द ही उन्होंने भारतीय क्रिकेट फैंस के दिलों में उम्मीदें जगा दीं कि टीम इंडिया को अगला कपिल देव (Kpil Dev) मिल गया है। इसकी वजह यह थी कि वे इरफान ने गेंद व बल्ले दोनों से अपनी प्रतिभा दिखाई। इरफान रविवार को 35 वर्ष के हो गए हैं।
शुरुआत से ही छाए इरफान
27 अक्टूबर 1984 को गुजरात के बड़ौदा में जन्मे इरफान पठान 2003 मेंऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध टेस्ट टीम में शामिल किए गए। वे प्रारम्भ से ही लोगों का ध्यान खींचने में सफल रहे व गेंदबाजी के साथ-साथ अच्छी बल्लेबाजी भी की। यही वजह रही कि टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने उन्हें ओपनिंग करने का भी मौका दिया। एक समय इरफान पठान की तुलना वसीम अकरम से की जाती थी। उनका गेंदबाजी एक्शन अकरम की तरह था। वे गेंदों को स्विंग कराने में सक्षम थे व उन्हें स्विंग का सुल्तान भी बोला जाता था।
पाकिस्तान की वह ऐतिहासिक हैट्रिक
इरफान को जब भी याद किया जाता है, उनकी पाक में ली हैट्रिक जरूर याद की जाती है। टीम इंडिया के उस पाक दौरे का वह करांची टेस्ट था जिसकी पहली पारी के पहले ही ओवर में इरफान ने हैट्रिक लेकर धूम मचा दी थी। इस मैच में उन्होंने पहली पारी में पांच व दूसरी पारी में एक विकेट लिया था। वे आज भी पाक के विरूद्ध टेस्ट हैट्रिक लेने वाले एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं। उन्होंने सलमान बट्ट, यूनुस खान व मोहम्मद युसुफ को आउट किया था।
कपिलदेव से यूं ही नहीं होती थी तुलना
इरफान ने गेंद से तो लोगों को अपना मुरीद बनाया ही बल्ले से भी कई ऐसी पारियां खेलीं कि लोगों में उनमें कपिलदेव की झलक दिखने लगी। चाहे 2005 में श्रीलंका के विरूद्ध गेंदों पर शानदार 83 रनों की पारी हो या 2008 में पर्थ में 46 रनों की उपयोगी पारी। उनके नाम पाक के विरूद्ध एक टेस्ट शतक भी है जो उन्होंने बेंगलुरू में लगाया था। इरफान ने 29 टेस्ट मे 100 विकेट व उसकी 40 पारियों में 1105 रन बनाए हैं जिसमें एक शतक व छह हाफ सेंचुरी हैं। 120 वनडे में उन्होंने 173 विकेट व उसकी 87 पारियों में 1544 रन बनाए हैं। टेस्ट में वे 7 बार पांच विकेट ले चुके हैं।
लंबा नहीं चल सका करियर
आंकड़े इरफान के पक्ष में जरूर हैं लेकिन ज्यादातर वे चोट के कारण टीम इंडिया से बाहर तो हुए लेकिन वे वापसी करने में उतने सौभाग्यशाली नहीं रहे। आलम यह रहा कि 2012 में अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेलने वाले इरफान का करियर ज्यादा लंबा न हो सका। केवल 5 वर्ष को टेस्ट करियर व 8 वर्ष का उनका वनडे करियर रहा। वे टी20 इंटरनेशनल भी वे केवल 6 वर्ष खेल सके। बोला जाता है की 2009 के बाद उनके टीम से बाहर होने की मुख्य वजह उनकी चोट कम बल्कि उनका कम होता पेस था।
आईपीएल में भी
इरफान ने आईपीएल के चार सीजन खेले। चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली डेयरडेविल्स, किंग्स इलेवन पंजाब, सनराइज हैदराबाद व राइजिंग सुपरजाइंट्स की तरफ से उन्हें खेलने का मौका मिला। लेकिन आईपीएल में वे उस तरह का असर नहीं छोड़ सके जिसकी उनसे उम्मीद की जा रही थी, इसके बावजूद वे अपने फ्रेंचाइजी के हमेशा ही पसंदीदा प्लेयर ही रहे। शायद यही वजह रही कि वे हमेशा ऊंची मूल्य में बिके।
इन दिनों इरफान जम्मूकश्मीर में नयी क्रिकेट प्रतिभाओं की खोज में वहां के कोच की किरदार निभा रहे हैं। वे कॉमेंट्री भी कर रहे हैं व अपने बारीक ज्ञान से उन्होंने फैंस को अब अपना भी मुरीद बनाए रखा है। कभी कपिल देव तो कभी वसीम अकरम से तुलना के बाद भी इरफान ने अपना एक अलग मुकाम बनाया।