इस्राइल और हमास के बीच युद्ध जारी है। इस बीच इस्राइली सेना ने स्वीकार किया कि वे अब गाजा में हमास की सुरगों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस्राइली सेना सुरंगों से बड़ी मात्रा में पानी डाल रही है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो आईडीएफ शुरुआत में युद्ध के इस तरीके से कुछ नहीं कह रहा था।
आईडीएफ ने मंगलवार को एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि सुरगों में पानी डालकर गाजा में आंतकियों के खिलाफ हमले की रूपरेखा तैयार की गई है। आईडीएफ ने बताया कि सुरंगों में छिपे आतंकियों से निपटने के लिए इस्राइली रक्षा विभाग की मदद से इस तकनीक को तैयार किया गया है। सुरंगों में छिपे हमास आंतकियों से निपटना महत्वपूर्ण चुनौती है। पंप और पाइप के माध्यम से पानी सुरंगों में भरा जाता है। आईडीएफ ने साफ करते हुए कहा कि चुनिंदा और उपयुक्त सुरंगों में ही यह कार्रवाई की जाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बाढ़ अभियान के कारण सुरंग में छिपे आंतकी बाहर निकलने को मजबूर हो सकते हैं। इससे खूफिया विभाग को आतंकियों की पहचान करने में मदद होगी। वहीं, सैनिकों को आंतकियों के खात्मे में आसानी होगी। युद्ध के दौरान सुरंगों का उपयोग कोई नई बात नहीं है। सुरंगों का इस्तेमाल फ्रांस, अफगानिस्तान, वियतनाम सहित कई देशों ने किया है।
यूएनआरडब्ल्यूए को दी जाने वाली फंडिग रोकी गई
इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका ने फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को दी जाने वाली लगभग 3,00,000 अमेरिकी डॉलर की धनराशि को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) 7 अक्तूबर को हमास के हमले में एजेंसी के कर्मचारियों की संलिप्तता के आरोपों की जांच कर रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैट मिलर ने फंडिंग को रोकने की पुष्टि की। बता दें कि यह धनराशि आने वाले कुछ सप्ताह में जारी की जानी थी। लेकिन अब इसे रोक दिया गया है।
इससे पहले, बीते सप्ताह यूएनआरडब्ल्यूए कर्मचारियों के संभावित रूप से हमास के हमलों से जुड़े होने की रिपोर्ट सामने आई थी। जिसके बाद अमेरिका ने फंडिंग को अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की थी। विदेश विभाग के प्रवक्ता मिलर ने बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने चालू वित्तीय वर्ष में यूएनआरडब्ल्यूए को लगभग 121 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया है। उन्होंने आरोपों की गहन जांच की आवश्यकता पर जोर दिया और गाजा की आबादी को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और खाद्य राहत सहित मानवीय सहायता प्रदान करने में यूएनआरडब्ल्यूए की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया।