बॉलीवुड के मशहूर एक्टर पंकज त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने धोखेबाजों और शराबियों के साथ दिन बिताए हैं. उन्होंने कहा कि लोग अच्छे का मूल्यांकन तभी शुरू करते हैं जब किसी ने बुरा देखा हो.
उन्होंने कहा, “मैंने ठगों को, चंडालों को, लेखकों को, विद्वानों को आस पास देखा है. बड़े-बड़े शराबियों के साथ दिन गुजारे हैं और उन सबने मिलकर मुझे बनाया है. ये वही लोग हैं, जिनकी वजह से मैं आज ऐसा इंसान बना हूं.”
पंकज त्रिपाठी, जिन्होंने ‘सेक्रेड गेम्स’, ‘मिजार्पुर’, ‘बरेली की बर्फी’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ और ‘लुका छिपी’ जैसे प्रोजेक्ट्स में अपने काम के साथ कई ऊंचाइयों का स्वाद चखा है. उन्होंने अपने जीवन में मिली हर सफलता की जानकारी को शेयर किया है.
उन्होंने कहा, “अच्छे का मूल्य तभी पता चलता है जब हमने बुरे को देखा हो. मैंने पिछले एक दशक में सबसे खराब और सबसे अच्छा समय देखा है, यही वजह है कि हर सफलता, हर खुशी का इतना महत्व है.”
लॉकडाउन के दौरान पंकज को महसूस हुआ कि ‘अगर बुरा हुआ है तो यह है कि अच्छा भी हो.’
उन्होंने कहा, “मैं अभी भी अपने संक्षिप्त जेल के दौर के बारे में सोचता हूं, जहां मैं सभी प्रकार के लोगों से घिरा हुआ था और मुझे इस बात का आभास था कि मुझे अपने जीवन को बेहतर बनाने की जरूरत है. हर अनुभव प्रकृति का तरीका है जो आपको खुद को बेहतर बनाने के लिए कहता है, उस संकेत को समझो.”