दुनियाभर में हाल ही में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (आईडब्ल्यूडी) मनाया गया। आईडबल्यूडी को लेकर संयुक्त राष्ट्र की ओर से इस साल की थीम रखी गई…महिलाओं में निवेश : प्रगति में तेजी लाएं। इसका मकसद महिलाओं को वित्तीय रूप से मजबूत बनाना है। यह तभी संभव है, जब आधी आबादी अपने खर्चों और भविष्य की अन्य वित्तीय जरूरतों के लिए पहले से ही फंड प्रबंधन की तैयारी शुरू करे। इस पर कालीचरण की रिपोर्ट-
आपात स्थिति के लिए तैयारी
जीवन में आपात स्थिति से निपटने के लिए वित्तीय तैयारी जरूरी है। इसके लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में अपनी तीन-छह महीने की कमाई के बराबर पैसा जरूर रखें। आपके पास कम-से-कम 5-10 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस कवर होना चाहिए। इसके साथ, न्यूनतम 10 लाख रुपये का सुपर टॉप-अप खरीदें। आश्रितों की वित्तीय सुरक्षा के लिए अपनी सालाना आय का कम-से-कम 10 गुना मूल्य का टर्म इंश्योरेंस खरीदें।
मैटरनिटी खर्च
मैटरनिटी (मातृत्व) जैसे खर्च से बचने के लिए अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस होना जरूरी है। अगर आप नौकरीपेशा महिला हैं तो अपने नियोक्ता से मैटरनिटी कवरेज प्राप्त कर सकती हैं या व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस खरीद सकती हैं। मैटरनिटी क्लेम करने से पहले वेटिंग अवधि का जरूर ध्यान रखें।
घर खरीदना
होम ओनरशिप को लेकर युवा भारतीय महिलाओं में रुझान बढ़ रहा है, जो महंगा है। आप जिस बजट में घर खरीदना चाह रही हैं, उसका 30-50 फीसदी बचत करें। बाकी का हिस्सा होम लोन लेकर पूरा किया जा सकता है। क्रेडिट स्कोर और कमाई अच्छी है तो उपयुक्त शर्तों पर सस्ता कर्ज मिल जाएगा।
सेवानिवृत्ति
भारत में वित्तीय स्वतंत्रता, जल्द सेवानिवृत्ति आंदोलन जोर पकड़ रहा है। इसके लिए जीवनभर परिश्रम की आवश्यकता नहीं है। वित्तीय स्वतंत्रता और जल्द सेवानिवृत्ति के लिए अनिवार्य है…आप अपनी सालाना कमाई का 25 गुना बचाएं। अगर आपको सेवानिवृत्ति के बाद हर माह एक लाख रुपये की जरूरत पड़ने वाली है तो रिटायरमेंट तक तीन करोड़ का फंड बना लें।