जिस ट्रेन को दो दिनों में सूरत से सिवान पहुंचना था, उस ट्रेन ने पूरे 8 दिन ले लिये. जिससे यात्री बेहाल हो गये. यह मामला गुजरात के सूरत से 17 मई को चली ट्रेन का है, जिस ट्रेन को 2 दिन में बिहार के सीवान पहुंचना था, लेकिन वह 8 दिनों बाद 25 मई को सीवान पहुंची.
ट्रेन को गोरखपुर के रास्ते सीवान आना था, लेकिन छपरा होकर आई. सूरत से ही सीवान के लिए निकली दो ट्रेनें ओडिशा के राउरकेला और बेंगलुरु पहुंच गईं. ट्रेनों के भटकने का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता, बल्कि जयपुर-पटना-भागलपुर 04875 श्रमिक स्पेशल ट्रेन रविवार की रात पटना की बजाय गया जंक्शन पहुंच गई.
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में इसे आधा सच करार दिया, लेकिन सीवान के उप विकास आयुक्त सुनील कुमार ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि सूरत से चली ट्रेनें भटक गई थीं और देरी से सीवान पहुंची थीं.
चलती गाड़ी में यात्रियों की मौतों का सफर
– पश्चिम चंपारण जिला के चनपटिया थाना के तुलाराम घाट निवासी मोहम्मद पिंटू शनिवार को दिल्ली से पटना के लिए चले. सोमवार सुबह दानापुर से मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे. मुजफ्फरपुर में बेतिया की ट्रेन में चढऩे के दौरान इरशाद की मौत हो गई. पिंटू ने बताया कि उमस भरी गर्मी और पेट में अन्न का दाना नहीं होने के कारण उन लोगों ने अपने लाड़ले को खो दिया.
– महाराष्ट्र से आ रहे मजदूर को आरा में लोगों ने जब उठाना चाहा तो पाया कि उसकी मौत हो चुकी है. उसकी पहचान नबी हसन के बेटे निसार खान के रूप में हुई. वह गया का रहने वाला था.
– महाराष्ट्र के बांद्रा टर्मिनल से 21 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर लौट रहे कटिहार के 55 साल के मोहम्मद अनवर की सोमवार शाम बरौनी जंक्शन पर मौत हो गई. अनवर बरौनी में 10 रुपये का सत्तू खरीद कर खाया और कर्मनाशा से कटिहार जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन पर सवार होने से पहले वह पानी लेने उतरा था, इसी बीच उसकी मौत हो गई.
– सूरत से श्रमिक स्पेशल से दोपहर 1 बजे सासाराम पहुंची महिला ने पति से कहा भूख लगी है. स्टेशन पर ही पति के सामने नाश्ता किया और उसके बाद कांपने लगी. पति की गोद में ही उसने दम तोड़ दिया. वह ओबरा प्रखंड के गौरी गांव की रहने वाली थी. महिला की मौत होते ही सासाराम स्टेशन पर कई लोग इधर-उधर भागने लगे. पति ने कहा मैं असहाय, क्या करता?
– महाराष्ट्र से आ रहे एक श्रमिक की ट्रेन में हालत खराब होने के बाद उसकी मौत हो गई. वह मोतिहारी जिले के कुंडवा-चैनपुर का निवासी बताया जा रहा है. दरअसल, उसकी तबियत खराब होने के बाद उसे ट्रेन से उतारकर जहानाबाद सदर अस्पताल लाया गया. वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
– राजकोट-भागलपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से गया में सोमवार को 8 माह के बच्चे के शव को उतारा गया. परिवार मुंबई से सीतामढ़ी जा रहा था. आगरा में बच्चे का इलाज हुआ. कानपुर के पास मौत हो गई. दंपती देवेश पंडित सीतामढ़ी के खजूरी सैदपुर थाना क्षेत्र के सोनपुर गांव का रहने वाले हैं.
– अहमदाबाद से जंक्शन मुजफ्फरपुर पहुंची स्पेशल ट्रेन में कटिहार की रहने वाली 23 साल की अलविना खातून मौत हो गई. वह अपने जीजा इस्लाम खान के साथ अहमदाबाद से घर लौट रही थी. अलविना विक्षिप्त थी. उसका इलाज चल रहा था.