कोरोना काल में केंद्र सरकार एवं आरबीआई देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा प्रदान कर रहे हैं। वर्ष 2021 तक देश में डिजिटल लेनदेन चार गुना तक बढ़ने की आस है। हिंदुस्तान में लोग डिजिटल लेनदेन हेतु यूपीआई मतलब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस का बहुत उपयोग करते हैं।
जानकारी के मुताबिक बीते कुछ दिनों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि एक जनवरी, 2020 से यूपीआई के जरिए लेनदेन महंगा हो गया है। यह भी बोला जा रहा है कि यूपीआई के जरिए किसी को भुगतान करने पर ग्राहक को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। परन्तु यह खबर गलत है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की माने तो यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के माध्यम से पैसे भेजना या फिर प्राप्त करना मुफ्त बना रहेगा। एनपीसीआई ने एक बयान में बोला कि एक जनवरी, 2021 से यूपीआई के जरिए पैसा भेजने या फिर प्राप्त करने पर शुल्क लगाए जाने की रिपोर्ट गलत है।
यूपीआई के जरिए लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लगता। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने थर्ड पार्टी एप की सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों के भुगतान पर एक जनवरी, 2021 से 30 फीसदी कैप लगाने का निर्णय लिया है।
एनपीसीआई ने यह निर्णय भविष्य में किसी भी थर्ड पार्टी ऐप्स के एकाधिकार रोकने एवं उसे अपने यूजर बेस के हिसाब से प्राप्त होने वाले खास लाभ से रोकने के लिए किया है। एनपीसीआई के इस निर्णय से यूपीआई ट्रांजेक्शन में किसी भी एक पेमेंट एप का एकाधिकार नहीं होगा।
बता दें कि यूपीआई मतलब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक अंतर बैंक फंड ट्रांसफर की सुविधा है, जिसके जरिए स्मार्टफोन पर फोन नंबर तथा वर्चुअल आईडी की सहायता से भुगतान किया जा सकता है। यह इंटरनेट बैंक फंड ट्रांसफर के मकैनिज्म पर आधारित है। एनपीसीआई के जरिए इस सिस्टम को कंट्रोल किया जाता है। यूजर्स यूपीआई से चंद मिनटों में ही घर बैठे ही भुगतान संग मनी ट्रांसफर करते हैं।