केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 का इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तारीख एक बार फिर बढ़ा दी है। अब व्यक्तिगत करदाता 10 जनवरी 2021 तक आईटीआर फाइल कर सकेंगे। पहले अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2020 थी। 30 दिसंबर यानी बुधवार को सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, समय अवधि में किया गया विस्तार उन लोगों के लिए है, जिनके खातों का ऑडिट करने की जरूरत नहीं है।
इन श्रेणी में वे ही लोग आएंगे, जिन्हें आईटीआर-1 या आईटीआर-4 फॉर्म का उपयोग करके अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना है। यह तीसरी बार है जब आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है।
आयकर विभाग ने ट्वीट में बताया
आयकर विभाग ने ट्वीट किया कि, ‘आकलन वर्ष 2020-21 के लिए 29 दिसंबर तक 4.54 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं।’ दाखिल किए गए आयकर रिटर्न में से 2.52 करोड़ करदाताओं ने आईटीआर-1 दाखिल किया है। पिछले साल 29 अगस्त 2019 तक यह आंकड़ा 2.77 करोड़ का रहा था। 29 दिसंबर तक एक करोड़ आईटीआर-4 दाखिल किए गए। वहीं 29 अगस्त 2019 तक 99.50 लाख आईटीआर-4 दाखिल किए गए।
ITR दाखिल करने के लिए क्या करें
आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए किन दस्तावेजों का होना जरूरी है, यह जानने के लिए नीचे दिए गए विवरण को पढ़ें।
आईटीआर-1 सहज फॉर्म को कोई भी सामान्य निवासी जिसकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है, अपनी व्यक्तिगत आय के बारे में जानकारी देते हुए भर सकता है।
वहीं आईटीआर-4 सुगम फॉर्म को ऐसे निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और फर्म (एलएलपी को छोड़कर) द्वारा भरा जा सकता है जिनकी व्यवसाय और किसी पेशे से अनुमानित आय 50 लाख रुपये तक है।
आईटीआर-3 और 6 व्यवसायियों के लिए है।
आईटीआर-2 आवासीय संपत्ति से आय प्राप्त करने वाले लोगों द्वारा भरा जाता है।
आईटीआर-5 फॉर्म एलएलपी और एसोसिएशन ऑफ पर्सन के लिए है।
आईटीआर-7 उन लोगों के लिए है जिन्हें ट्रस्ट अथवा अन्य कानूनी दायित्वों के तहत रखी गई संपत्ति से आय प्राप्त होती है।