पिछले कुछ दिनों से जामिया में नागरिकता बिल को लेकर बढ़े आक्रोश के चलते उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों पर पुलिस ने जाँच पड़ताल के मसले पर 17 दिसंबर 2019 को सुनवाई करने का फैसला लिया जाएगा। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ ने कहा, पहले हम यह आश्वस्त होना चाहते हैं कि शांति कायम रहे। अगर आप इसे सड़क पर ले जाना चाहते हैं तो आप करें, ऐसे में आप लोग हमारे पास मत आइए। शांति बहाल होने पर ही हम देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब इस बारें में सीजेआई बोबडे ने कहा, महज इसलिए कि किसी को कैंपस छोड़ने के लिए बोला गया, सार्वजनिक संपत्तियों को हानि पहुंचने का कोशिश किया। जंहा बसों को आग लगाकर पूरी तरह से फूंक दिया। यह हर हालत में रुकना चाहिए। वास्तव में वरिष्ठ एडवोकेट इंदिरा जयसिंह, कॉलिन गोंसाल्विस समेत अन्य वकीलों ने चीफ जस्टिस बोबडे से इस मुद्दे में स्वत: संज्ञान लेने की आवाज उठाया गया था।
नागरिकता कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कल:सूत्रों की माने तो इस बात का पता चला है कि नागरिकता कानून को चुनौती देने संबंधी कांग्रेस पार्टी समेत सभी याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय बुधवार को सुनवाई कर सकता है। जिन लोगों ने याचिका दी है, उनमें त्रिपुरा के पूर्व महाराजा प्रद्योत किशोर देब बर्मन व वरिष्ठ कांग्रेस पार्टी नेता जयराम रमेश भी हैं। जानकारी के लिए हम आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ ने कहा,कि इन याचिकाओं को दूसरे मामलों के साथ 18 दिसंबर 2019 को सुनाया जानें वाला है। इस बीच, एक्टर व नेता कमल हासन की पार्टी एमएनएम ने भी नए नागरिकता कानून के खिलाफ बीते सोमवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दी है।