Breaking News

यमुना में कचरा फेंका तो पांच हजार का जुर्माना

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने यमुना के डूबक्षेत्र में खुले में शौच करने और कचरा फेंकने पर आज प्रतिबंध लगा दिया और इस कड़े आदेश का उल्लंघन करने वालों से पांच हजार रूपए का पर्यावरण मुआवजा वसूलने की घोषणा की। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली जलबोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता वाली एक समिति भी गठित की। इस समिति का काम नदी की सफाई से जुड़े काम की देखरेख करना है। उन्होंने इस समिति को नियमित अंतरालों पर रिपोर्टें देने के लिए कहा है।
दिल्ली सरकार और नगम निगमों को निर्देश दिया गया कि वे उन उद्योगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें, जो आवासीय इलाकों में चल रहे हैं और नदी के प्रदूषण का बड़ा स्रोत हैं। हरित पैनल ने कहा कि यमुना तक पहुंचने वाले प्रदूषण के लगभग 67 प्रतिशत हिस्से का शोधन दिल्ली गेट और नजफगढ़ स्थित दो दूषित जल शोधन संयंत्रों द्वारा किया जाएगा। ऐसा ‘मैली से निर्मल यमुना पुनरूद्धार परियोजना 2017’ के चरण एक के तहत किया जाएगा। शीर्ष हरित पैनल ने एक मई को दिल्ली गेट और ओखला स्थित दूषित जल शोधन संयंत्रों (एसटीपी) की जांच का आदेश दिया था। इसके पीछे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि यमुना पहुंचने से पहले दूषित जल साफ हो जाए। पैनल ने इन संयंत्रों के कामकाज के बारे में रिपोर्ट भी मांगी थी।

About Samar Saleel

Check Also

‘दूसरों को डराना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति’; 140 करोड़ भारतीयों ने ठुकराया…

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को देशभर के प्रमुख वकीलों ने पत्र लिखा ...