जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को ‘बढ़ावा’ बंद करने तक पाकिस्तान के साथ बातचीत का विरोध करते हुए भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि पड़ोसी देश के साथ बातचीत की मांग करने वालों को हिंसा के पीड़ितों से मिलकर उनके दर्द को समझना चाहिए.
बैठक के बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक अच्छी रही और उन्होंने पाकिस्तान के साथ अनौपचारिक वार्ता शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की.
प्रधानमंत्री ने फुल स्टेटहुड की बात भी दोहराई लेकिन कहा कि वह अपने तय वक्त पर किया जाएगा. इस बैठक की खासियत यही रही कि सभी ने अपनी बात रखी और सब ने एक दूसरे की बात सुनी और आगे के लिए एक रास्ता खुला.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कश्मीरी नेताओं को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार जितनी जल्दी हो सके विधानसभा चुनावों के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है. पीएम मोदी ने परिसीमन में उनकी भागीदारी की मांग की. अलग से, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र जम्मू-कश्मीर को चुनाव और राज्य का दर्जा देने के अपने आश्वासन देता है.
उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि अगर जरूरत पड़ी तो हम शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक बार फिर पाकिस्तान से बात कर सकते हैं.’ अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने पर महबूबा ने कहा कि उनकी पार्टी इसकी बहाली के लिए लड़ाई जारी रखेगी.