नई दिल्ली / लखनऊ। वक्फ (संशोधन) विधेयक ( Waqf Bill) पर JPC की रिपोर्ट को लेकर ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने आपत्ति जताई है। बोर्ड ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि वो इसके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। गुरुवार को वक्फ बिल पर सदन में जेपीसी की रिपोर्ट पेश होने के बाद AIMPLB ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भारत में अपनी जायदाद पर जितना हक सिखों और हिंदुओं का है, उतना ही मुस्लिमों का भी है।
AIMPLB के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि वक्फ पर मौजूदा कानून भारतीय संविधान में निहित विभिन्न धर्मों की स्वतंत्रता के कानून के अंतर्गत ही आता है। उन्होंने कहा कि हर धर्म के अपने तौर-तरीके हैं, ऐसे में एक समान कानून कैसे थोपा जा सकता है।
AIMPLB के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हम वक्फ (संशोधन) विधेयक की मुखालफत करते हैं। हम चाहते हैं कि वक्फ बिल में संशोधन न किया जाए। फरंगी महली ने कहा कि विपक्ष के सांसदों ने भी अपनी आपत्तियां रखी थी, लेकिन उन आपत्तियों को रिपोर्ट में नहीं रखा गया।
गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) बिल वक्फ संपत्तियों से जुडी चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ बिल -1995 में संशोधन किया जा रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा इसे आठ अगस्त, 2024 को लोकसभा में पेश किए जाने के बाद संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया था।