शायद ही कोई सरकारी विभाग ऐसा होगा जहाँ रिश्वत लेकर काम करने का खेल ना खेला जाता हो। इस बाजार में जिसका पर्दा उठ गया वह बेईमान और जो अभी भी पर्दे के पीछे है, वो ईमानदारी से रिश्वत लेकर भ्रष्टाचार के काम को अंजाम दे रहा है।
मामला कानपुर विकास प्राधिकरण से जुड़ा है, जहां इलेक्ट्रिक डिवीज़न में तैनात बाबू द्वारा काम के बदले रिश्वत लेने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो कुछ हफ्ते पहले का बताया जा रहा है। जिसमें कुलदीप नाम का बाबू पचास लाख रुपये का पेमेंट दिलाने के बदले ठेकेदार से 25 पैसे के हिसाब से 12,500 रुपये कमीशन के तौर पर लेता दिख रहा है।
इतना ही नहीं ये जनाब वायरल हो रहे इस वीडियो में बड़े स्वाभिमान के साथ ठेकेदार से साफ कहते दिखयी दे रहे हैं कि इसमें सभी का हिस्सा है। मतलब साफ है कि उनकी इस काली कमाई का बंटवारा नीचे से ऊपर तक सभी में होता है। एक तरफ जहाँ भाजपा की सरकार भ्रष्टाचार मुक्त समाज का डंका पीटने से थक नहीं रही, ऐसे में कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में रिश्वत का खुला खेल उनके दावों की हकीकत को समझने के काफी है।
यहां काम करने वाले एक ठेकेदार की माने तो केडीए में बिना रिश्वत दिए कोई काम करवा पाना किसी के लिए सम्भव ही नहीं है। बात तब और गंभीर है जब रिश्वतखोर बाबू कार्यालय के अंदर ही बैठकर रुपयों की वसूली कर रहा है। इससे साफ है कि उसे महकमें के जिम्मेदारों का वरदहस्त प्राप्त है।
अनुपम चौहान