फर्रुखाबाद: शहर से सटे गांवों में तेंदुए के हमला से वन दरोगा समेत 14 लोग घायल हो गए। कानपुर की टीम ने दो घंटे के प्रयास के बाद बेहोश करके काबू में किया। मौके पर पहुंचे डीएम, एसपी ने आसपास छह गांवों के स्कूल बंद कराए। ड्रोन कैमरे से निगरानी की गई। दो घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मऊदरवाजा थाने के गांव पटपरागंज निवासी देवेंद्र का पुत्र सुखदेव (15) और जयचंद्र का पुत्र शिवम (13) सोमवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे साइकिल से स्कूल जा रहे थे। बघार पुल से मटा की मढ़ैया की तरफ चले, तो अचानक तेंदुए ने हमला बोल दिया। पास में ही खडे़ गांव के ही पवन (28) ने बचाने का प्रयास किया, तो तीनों को लहूलुहान कर दिया। चीता की अफवाह के पास गांव बाबा नगला, पटपरागंज, रायपुर, मटा की मढ़ैया, जसमई, खतवापुर, टिकुरियन नगला के हजारों लोग लाठी-डंडे लेकर तेंदुए को मारने निकले। जैसे ही लोग तेंदुए के पास पहुंचते तो वह हमला बोलकर ग्रामीणों को घायल कर देता।
वन विभाग के कर्मचारियों पर भी बोला हमला
सूचना पर पहुंचे इटावा निवासी वन दरोगा तावेज अहमद, वनरक्षक सिद्धार्थ दुबे व सचिन कुमार तेंदुओ पकड़ने के प्रयास में बुरी तरह घायल हो गए। इसी बीच ग्रामीणों ने तेंदुए पर लाठी डंडो से हमला बोला तो तेंदुए ने खतवापुर के राजेख कुमार, शिवम, पटपरागंज के रमेश, शिवांचल, विवेक, मोहम्मदाबाद के गांव मदनापुर के अजीत, शैलेश को बुरी तरह घायल कर दिया। जिसमें अजीत की हालत काफी नाजुक बनी हुई है। गुस्साए तेंदुए ने अपने घातक पंजे से अधिकतर ग्रामीणों के सर पर वार किया। इनमें 11 घायलों को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। अन्य निजी अस्पताल में इलाज कराया।
ऐसे पकड़ गया तेंदुआ
सूूचना पर डीएम डॉ. वीके सिंह, एसपी आलोक प्रियदर्शी ने पहुंचकर तीन थानों की पुलिस और पीएसी से ग्रामीणों को दूर हटाया। डीएफओ प्रत्यूष कटियार की सूचना पर दोपहर करीब डेढ़ बजे कानपुर से पहुंची डॉट टीम के डॉ. नासिर ने तेंदुए की उम्र समझ कर गन में डोज बनाया। इसके बाद शूटर ने जेसीबी पर चढकर नाले में छिपे तेंदुए को बेहोश किया। बेहोश होने पर तेंदुआ पिंजड़े में बंद कर देर शाम नाले से बाहर निकाला गया। तब कहीं ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। मौके पर एडीएम सुभाष चंद्र प्रजापति, एसडीएम सदर रजनीकांत पांडेय, सीओ सिटी ऐश्वर्या उपाध्याय, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महेंद्र सिंह आदि अधिकारी मौजूद रहे।