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Khun Khun Ji Girls Degree College: योग निद्रा : ‘विश्राम से परे आत्म खोज का मार्ग’ विषयक अंतरराष्ट्रीय वेबीनार संपन्न

लखनऊ। खुन खुन जी गर्ल्स डिग्री कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक अंतरराष्ट्रीय वेबीनार (International Webinar) का आयोजन किया गया, जिसका शीर्षक “योग निद्रा : विश्राम से परे आत्म खोज का मार्ग” (Yoga Nidra: The Path of Self-Discovery Beyond Relaxation) रहा। इस वेबीनार का मुख्य उद्देश्य लोगों को योग निद्रा के लाभों एवं विभिन्न चरणों से परिचित कराना था जिससे लोग अपने दिन प्रतिदिन के जीवन में योग को अपनाकर लाभान्वित और स्वस्थ हो सके कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ शिवेश शुक्ला मुंबई (Dr Shivesh Shukla Mumbai), एवं मिसेज प्रियंका सच्चा (योगा एक्सपर्ट कनाडा) रही।

वेबीनार के प्रथम वक्ता शिवेश शुक्ला ने अपने वक्तव्य में योग निद्रा से जुड़ी हुई विभिन्न जानकारियां देते हुए कहा कि योग निद्रा एक प्राचीन अभ्यास है जो गहरी विश्रांति और आत्म-खोज के मार्ग पर ले जाता है। यह न केवल तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करता है, बल्कि आत्म-जागरूकता और भावनात्मक संतुलन को भी बढ़ावा देता है।

वेबीनार की द्वितीय वक्ता कनाडा से श्रीमती प्रियंका सच्चा ने, स्वस्थ जीवनशैली में योग और आहार के महत्व पर अपने विचार रखे। इन्होंने बताया कि योग और आहार दोनों ही स्वस्थ जीवनशैली के महत्वपूर्ण घटक हैं। इन दोनों को अपने जीवन में शामिल करके हम अपने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

इस अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में देश-विदेश से 250 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, झारखंड, सिक्किम ,त्रिपुरा, केरला, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूके, जर्मनी, दुबई, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, कनाडा, यूएसए, दुबई आदि जगहों से लोगों ने प्रतिभाग किया।

लुआक्टा अध्यक्ष डॉ मनोज पांडेय ने अपने उदबोधन में बताया कि शहरीकरण के दौर मे जब पर्यावरण और खानपान दोनों प्रदूषित हो गया है तब योग और प्राणयाम मानव जीवन को बचाए रखने को बचाए रखने का एक महत्वपूर्ण तरीका है I डॉ नरेंद्र पाठक शिक्षक एवं ज्योतिष विद द्वारा ज्योतिष और योग पर प्रकाश डालते हुए सिध्दांत, संहिता और होरा पर अपनी बात रखी I

एसएमएनआरयू में ‘विरासत से विकासः योग की भूमिका’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन

प्राचार्या डॉ अंशु केडिया द्वारा महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग सूत्र यम, नियम, आसन, प्राणयाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान समाधि का उल्लेख करते हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया I वेबीनार की संयोजक डॉ चेतना सामंत तोमर सह- संयोजक डॉ प्रियंका ,आयोजन सचिव डॉ विजेता दीक्षित तथा संयुक्त सचिव डॉ रुचि यादव रहीI वेबीनार डॉ पूनम रानी भटनागर, डॉ ज्योत्षना पांडे आदि उपस्थित रहे। प्रश्न उत्तर के माध्यम से प्रतिभागियों ने अपनी शंका का समाधान भी पाया I

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