उन्नाव से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है। इस बारे में उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर दी है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे की ओर से जारी की गई अधिसूचना में सेंगर की सदस्यता उस दिन से ही समाप्त की गई थी, जिस दिन उसे सजा सुनाई गई थी।
अधिसूचना के मुताबिक 20 दिसंबर 2019 से उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित किया गया है। सेंगर उन्नाव दुष्कर्म मामले में आजीवन करावास की सजा भुगत रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दुष्कर्म का आरोप लगने पर सेंगर को पार्टी से बाहर कर दिया था।
इससे बांगरमऊ विधानसभा सीट रिक्त हो गई है। इस सीट पर उपचुनाव होगा। लेकिन, इसकी तिथि का ऐलान अभी होना बाकी है। कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता 20 दिसंबर 2019 से ही खत्म मानी जाएगी। इसी दिन सेंगर को सजा सुनाई गई थी।
गौरतलब हो कि कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप है कि 2017 में उसने एक नाबालिग युवती को अगवा कर दुष्कर्म किया। सेंगर पर आरोप लगाने वाली महिला की कार को जुलाई में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। दुर्घटना में महिला की दो रिश्तेदार मारी गईं और उसके परिवार ने इसमें षड्यंत्र होने के आरोप लगाए थे।
फिलहाल, सेंगर तिहाड़ जेल में बंद है। सामूहिक दुष्कर्म के दो साल पुराने मामले में दोषी कुलदीप सिंह सेंगर (53) को दिल्ली की एक कोर्ट ने 20 दिसंबर को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि उसे मृत्यु तक जेल में रखा जाए। सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।