आंदोलन में करीब 700 से भी अधिक किसानों की जान गई है और देश की जनता को जो असुविधा हुई है उसकी भरपाई प्रधानमंत्री कैसे करेंगे – सुनील सिंह
लखनऊ। तीन कृषि कानून को लेकर लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री ने यह फैसला लेने में समय लगा दिया। जबकि मन की बात में प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं निर्णय लेने में सक्षम हूं मैं नहीं चिंता करता हूं किसी भी कठोर निर्णय को लेने में, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक साल बाद यह अहसास हुआ है कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून किसानों के हित में नहीं थे। इसलिए उन्होंने तीनों कानूनों को रदद करने की घोषणा की है।
केंद्र सरकार का यह देर से लिया गया फैसला है। सरकार के इस फैसले की वजह से करीब 700 से भी अधिक किसानों की जान गई है और देश की जनता को जो असुविधा हुई है, वह अलग। उसकी भरपाई प्रधानमंत्री कैसे करेंगे, इसके लिए भी उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों ने सर्दी, गर्मी, बारिश, लू और अपनी जान की परवाह ना करते हुए केंद्र सरकार के तीन कानूनों का जमकर विरोध किया है। इसके साथ ही लोकदल की सरकार से यह भी मांग करते हैं कि यदि वह किसानों की सच्ची हितैषी तो जल्द से जल्द उनके लिए एमएसपी का निर्धारण करे। किसानों का हक उन्हें जल्द से जल्द मिलना चाहिए।
श्री सिंह ने आगे कहा कीकिसानों की ताकत का अंदाजा भाजपा को अब समझ आ गया है, अभी कुछ दिनों पहले देश में हुये उपचुनाव में हार और आगे युपी चुनाव 2022 में भी यह हाल न हो जाये इस डर से कृषी कानुन वापस लिये गये हर एक किसान को मेरी हार्दिक बधाई, जिसने अथक संघर्ष किया और उस क्रूरता से विचलित नहीं हुए, जिसके साथ भाजपा का इलाज किया। यह आपकी जीत है! इस लड़ाई में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।