कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिणी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी। उन्होंने चिट्ठी में बताया कि डीवीसी से पानी छोड़ने का फैसला एकतरफा लिया गया है। दरअसल, दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बैरेज से पानी छोड़े जाने के कारण दक्षिणी बंगाल में बाढ़ आ गई।
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मौजूदा हालात को देखते हुए गुरुवार को सीएम ममता बनर्जी की सरकार ने बंगाल-झारखंड सीमा पर बैरिकेडिंग कर मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि, 24 घंटों के बाद ही अंतरराज्यीय व्यापार के लिए सीमा को एक बार फिर से खोल दिया गया था। ममता बनर्जी ने बाढ़ पर चिंता व्यक्त करते हुए पीएम मोदी को पहले भी चिट्ठी लिख चुकी हैं।
ममता बनर्जी ने अपनी चिट्ठी में कहा, “जल शक्ति मंत्रालय ने कहा था कि डीवीसी के बैरेज से पानी छोड़ने का निर्णय दामोदर घाटी जलाशय विनियमन निगम समिति की सहमति से लिया गया था, जिसमें राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। इससे मैं पूरी तरह से असहमत हूं। सभी निर्णय केंद्रीय जल आयोग और जलशक्ति मंत्रालय की तरफ से एकतरफा लिया गया है। कभी कभी राज्य सरकार को बिना बताए पानी छोड़ा जाता है।”
हालांकि, ममता बनर्जी इससे पहले भी पीएम मोदी को चिट्ठी लिख चुकी हैं। 20 सितंबर को लिखी गई चिट्ठी का जवाब देते हुए जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा था कि राज्य सरकारों को बताकर ही डीवीसी के बैरेज से पानी छोड़ा जाता है।
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ममता ने अपनी नई चिट्ठी में आगे कहा, “जलाशयों से नौ घंटे की लंबी अवधि तक अधिकतम मात्रा में पानी छोड़ने का काम केवल 3.5 घंटे के नोटिस पर किया गया।” उनकी इस चिट्ठी को रविवार को सार्वजनिक किया गया। ममता ने 20 सितंबर वाली चिट्ठी में दावा किया था कि बाढ़ के कारण 50 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने व्यापक तबाही से निपटने के लिए तुरंत केंद्रीय धनराशि मंजूर करने और जारी करने का आग्रह किया। जलशक्ति मंत्री ने जलाशयों से पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ के बारे में सीएम ममता बनर्जी की चिंताओं पर बात की।