गुजरात में चुनाव से पहले बीजेपी ने वहां पर कॉमन सिविल कोड को लेकर समिति गठित करने का फैसला किया है। अब बसपा अध्यक्ष मायावती ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।मायावती ने कहा कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए जनता की नजर से अज्ञात स्रोतों से प्राप्त धन का इस्तेमाल कितना उचित है।
पूर्व सीएम मायावती ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में भी रोजगार और विकास की बजाए बीजेपी द्वारा विवादित एवं विभाजनकारी मुद्दों की तरह समान नागरिक संहिता को चुनावी मुद्दा बनाना खास बात नहीं है। किन्तु गुजरात में इसको चुनावी मुद्दा बनाने से इस आम चर्चा को बल मिलता है कि वहाँ बीजेपी की हालत वास्तव में ठीक नहीं हैं।’
मायावती ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सुप्रीम कोर्ट का उदाहरण देते हुए कहा, ‘जबकि केन्द्र ने अभी हाल में स्वंय माननीय सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यूनिफार्म सिविल कोड के मामले पर कोई निर्णय अभी न किया जाए क्योंकि इसे वह 22वें लॉ कमीशन को सौंपेगी। तो फिर गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐसा क्या होने जा रहा है, जिससे बीजेपी विचलित है और झुक रही है।’
ताजा आंकड़े बताते हैं कि गुजरात और हिमाचल विधानसभा आम चुनाव से पहले चुनावी बांड की गुप्त फंडिंग के जरिए 545 करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह धन कहां जा रहा है।