रायबरेली। आधार कार्ड ने भीख मांग रहे एक भिखारी को उसके परिवार से मिलाने में मदद की है। दरअसल उत्तर प्रदेश के रायबरेली के रालपुर शहर में भूखे प्यासे एक भिखारी के आधार कार्ड और एफडी पेपर्स से जो खुलासा हुआ वो बेहद ही चौकाने वाला है। ये मामला उस समय सामने आया जब रालपुर के एक स्कूल के स्वामी भास्कर स्वरुप महाराज ने भिखारी को देखा। उसने इशारों में बताया कि वो भूखा है। सबसे पहले स्वामी ने उसे भोजना कराया। हालांकि वह कुछ बताने की स्थिति में नहीं था। एक हिंदी अखबार के मुताबिक भिखारी को स्नान कराया तो उनके कपड़ों से आधार कार्ड और करोंड़ों के फिकस्ड डिपोसिट के पेपर्स निकले। आधार कार्ड से जानकारी मिली कि वो तमिलनाडु का रहने वाला है। इसके बाद आगे की जानकारी में पता चला कि वह तमिलनाडु का बिजनेसमैन है। इसके बाद स्वामी ने उसके परिवार वालों को जानकारी दी। जिसके बाद परिवार वाले उन्हें घर वापस ले गए। परिवार वालों ने बताया कि 6 महीने पहले ट्रैन से तीर्थ यात्रा के लिए निकले मुथैया नाडार रास्ता भूल गए थे। परिवार वालों के ढ़ूढ़ने के बाद भी उनका पता नहीं चल पाया था। जिसका आधार कार्ड से खुलासा हो सका।
करोड़पति बुजुर्ग रायबरेली में मांग रहा था भीख, आधार से खुला राज
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