लखनऊ। कैबिनेट मीटिंग में केंद्र सरकार ने गुरुवार को Six airports छह एयरपोर्ट अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ और तीन अन्य हवाई अड्डों का प्रबंधन सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मंत्रिमंडल में लिये फैसलों की जानकारी देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि देश में तीन हजार करोड़ रुपये के ‘शत्रु शेयर’ बेकार पड़े हैं। पाकिस्तान चले गए लोगों की चल अचल संपत्ति सरकार के स्वामित्वने के लिए बनाए गए कानून के तहत अब इन शेयरों को बेचने का फैसला किया गया है।
इससे मिली धनराशि को आधारभूत ढांचे के विकास के लिए उपयोग में लाया जाएगा। शेयरों की संख्या 6 करोड़ 50 लाख है तथा यह 996 कंपनियों से संबंधित हैं। रविशंकर के अनुसार वर्ष 1968 के मूल्यों पर इनकी कीमत तीन हजार करोड़ रुपये थी, जो आज इससे कई गुना अधिक बढ़ गई होगी।
देश के Six airports
बता दें कि सरकार ने देश के Six airports छह हवाई अड्डों अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलौर को पीपीपी मॉडल के तहत संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए सौंपने का फैसला किया है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पूर्व में दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोच्चि के हवाई अड्डों को पीपीपी के तहत लाया गया था, जिसके बहुत अच्छे परिणाम निकले हैं। यह परिणाम गुणवत्ता की दृष्टि से दुनिया के सबसे अच्छे हवाई अड्डों में शामिल हो गए हैं।
इसी अनुभव को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अब छह अन्य हवाई अड्डों को भी पीपीपी मॉडल के तहत शामिल करने का फैसला किया है। रविशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि हवाई चप्पल पहनने वाला आदमी भी हवाई यात्रा करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस दिशा में जो कदम उठाए हैं, उनके अच्छे नतीजे सामने आए हैं तथा यह फैसला भी उसी की एक कड़ी है।