भारत के लिए 9 अगस्त की तारीख ऐतिहासिक होने जा रही है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व के सबसे प्रभावशली मंच से भारत का विचार दुनिया के सामने रखेंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का दो वर्ष के लिए अस्थाई सदस्य बनने के बाद अगस्त माह के लिए मिली इसकी अध्यक्षता का भारत सही दिशा में उपयोग करने जा रहा है। इसके लिए आने वाले मंगलवार बतौर यूएनएससी अध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी एक उच्च स्तरीय आभासी बैठक को संबोधित करेंगे। ऐसा पहली बार होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता करेगा।
ऐसा पहली बार होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूएनएससी का होगा अध्यक्ष।
प्रधानमंत्री मोदी जिस सत्र की अध्यक्षता करेंगे वह समुद्री सुरक्षा पर आयोजित एक ओपन डिस्कशन होगा। इसका विषय ‘समुद्री सुरक्षा बढ़ाना-अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के रखरखाव के लिए एक मामला’ होगा। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विशेष तौर पर दक्षिण चीन सागर में मौजूद महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए समुद्री सुरक्षा मुख्य मुद्दों में से एक है। इसे भारत ने ही परिषद के ध्यान में लाया था। पिछले 7 वर्षों में भारत, समान विचारधारा वाले क्वाड देशों और अन्य साझेदार देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के महत्व को पहचाना है। सभी देशों ने एक ‘मुक्त, खुला, सुरक्षित और समृद्ध’ हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाने का प्रयास किया है।
यूएनएससी की बैठक की अध्यक्षता करते समय प्रधानमंत्री मोदी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक मजबूत संदेश भेजने के साथ ही इस तथ्य को भी रेखांकित करेंगे कि भारत वैश्विक आर्थिक और सैन्य शक्ति के रूप में अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेता है। वास्तव में यह ऐतिहासिक घटना दुनिया की वर्तमान भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने और यूएनएससी जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में सुधार करने की भारत की लंबे समय से चली आ रही मांग को मजबूती प्रदान करेगी।
समुद्री सुरक्षा के अलावा भारत ने शांतिरक्षक अभियान और आतंकवाद रोधी उपाय के मुद्दों को परिषद के समक्ष उठाया है, जिन पर यूएनएससी की भारत अध्यक्षता के दौरान विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के अनुसार, मंत्रालय को उम्मीद है कि अन्य दो मुख्य मुद्दों को लेकर परिषद में विदेश मंत्री की अध्यक्षता में शारीरिक उपस्थिति वाली उच्च स्तरीय बैठक करने की है।
बता दें कि भारत 1 जनवरी 2021 से दो साल के लिए यूएनएससी का अस्थायी सदस्य है। अस्थायी सदस्य के तौर पर यूएनएससी में भारत का यह आठवां कार्यकाल है। भारत, अगस्त महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है। दिसंबर 2022 में एक बार फिर भारत परिषद की अध्यक्षता करेगा। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि 2020 में हुए यूएनएससी के चुनाव में भारत को 193 में से 184 मत मिले थे। जबकि आवश्यक मत संख्या सिर्फ 128 थी। यह परिणाम बताता है कि ज्यादतर देश भारत के पक्ष में हैं और वह जानते हैं कि उनके हितों से जुड़े मुद्दों को परिषद में भारत पूरी मजबूती से उठाएगा।