लखनऊ। सिख समाज के इतिहास में पहली बार डा. हरबन सिहं अलवर वाले और हजूरी रागी भाई दविदंर सिहं, श्री दरबार साहिब अमतृसर वालों के शब्द कीर्तन एवं अनमोल विचारों से श्रद्धालुओं से खचाखच भरे श्री गुरु सिहं सभा गुरुद्वारा नाका हिंडोला के दीवान हाल में गुरबाणी शबद कीर्तन गायन सुना गया।
चेयरमैन कृपाल सिहं ऐबट ने बताया कि यह दो दिवसीय समागम श्री सखुमनी साहिब सेवा सोसाइटी द्वारा अपने 51वें वार्षिक समारोह के उपलक्ष में आयोजित किया गया। शाम को रहिरास जी के पाठ से प्रारंभ दीवान रात 10.30 बजे तक चला जिसमें मुख्य ग्रंथी ज्ञानी सुखदेव सिहं ने कथा व्याख्यान, हजूरी रागी भाई राजिंदर सिहं द्वारा नाम सिमरन, के.के.एन.एस. गुरमत संगीत अकादमी के बच्चों ने भी शब्द कीर्तन किया। अपितु अमतृसर के हजूरी रागी भाई दविदंर सिहं ने “सखुमनी सखु अमृत प्रभु नाम भगत जना के मन विश्राम” गायन कर के श्रद्धालुओं को मत्रंमुग्ध कर दिया।
सुखमनी साहिब सेवा सोसाइटी के मुख्य सेवादार हरमिदंर सिहं मिन्दी बताया कि इस भक्ति मय संसार की यात्रा में अलवर से आए डा.हरबन सिहं ने पंचम गुरू श्री गुरु अर्जुन देव जी द्वारा रचित बाणी “सखुमनी साहिब की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। दीवान की समाप्ति पर उपस्थित श्रद्धालुओं में गुरू का लंगर समान रूप से वितरित किया गया। कल 02 अक्टूबर को प्रातः 6.00 बजे से 2.30 बजे तक समागम का दीवान सजेगा।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी