नेपाल ने 7 साल के निलंबन के बाद यात्री रेल सेवाओं को फिर से शुरू करने की योजना बनाई है. काठमांडू द्वारा भारत से खरीदी गई रेलों की दो सेट जनकपुर शहर पहुंच गई है. रेलवे विभाग के महानिदेशक बलराम मिश्रा ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, डीजल-इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेल सेट शुक्रवार को दोपहर करीब 1.40 बजे जनकपुर पहुंचे.
रेलवे विभाग ने कहा कि सेवाओं को फिर से शुरू करने में कम से कम डेढ़ महीने लगेंगे, क्योंकि वह वर्तमान में आवश्यक मानव संसाधनों की भर्ती के लिए काम कर रहे हैं. यह देश की पहली ब्रॉड-गेज यात्री रेलवे सेवा होगी. विभाग के अनुसार, यह सेवा जनकपुर शहर के कुर्था से भारत के सीमा से सटे जयनगर के लिए शुरू होगी और इनके बीच की दूरी 35 किलोमीटर के आसपास है.
पहले भी जनकपुर-जयनगर रेल सेवा का संचालन होता था, लेकिन एक संकीर्ण गेज लाइन पर और यह सेवा सात साल पहले पूरी तरह से रुक गई थी. रेलवे सेवा को फिर से शुरू करने के लिए विभाग ने धीरे-धीरे 200 से अधिक कर्मचारियों की भर्ती करने की योजना बनाई. मिश्रा ने कहा, प्रारंभ में हम भारतीय तकनीकी कर्मचारियों की मदद से सेवा फिर से शुरू करेंगे.
उन्होंने आगे कहा, हम सेवा शुरू करने के लिए ड्राइविंग, रखरखाव, सिग्नलिंग और ट्रैक इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में तकनीकी पृष्ठभूमि से 26 भारतीय कर्मचारियों को भर्ती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेपाली मानव संसाधन ठीक से और पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित होने के बाद भारतीय कार्यबल को धीरे-धीरे बदल दिया जाएगा. विभाग के अनुसार, प्रत्येक रेल सेट लगभग 1,300 यात्रियों को 110 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के साथ यात्रा सुविधा प्रदान कर सकता है, और इसे दोनों ओर से संचालित किया जा सकता है.
मिश्रा ने आगे कहा, यह अंतर-शहर सेवाओं के संचालन और मध्यम दूरी के लिए उपयुक्त है. सरकार कई रेलवे को भी विकसित करने की योजना बना रही है जो देश को चारों दिशाओं से जोड़ेगी. पूर्व-पश्चिम इलेक्ट्रिक रेलवे सेवा को संचालित करने के लिए रेलवे ट्रैक बिछाया जा रहा है. नेपाल ने राजधानी शहर काठमांडू को दोनों देशों की सीमाओं से जोडऩे के लिए चीन और भारत दोनों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.