नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्मयी ढंग से लापता होने के 70 साल बाद भी उनके बारे में कोई खुलासा नहीं हो सका है। अब उनकी बेटी प्रो. अनीता बोस फाफ जापान के रनकोजी मंदिर में रखी अस्थियों का डीएनए टेस्ट कराया जाए। नेताजी 1945 में इसी दिन लापता हुए थे।
नेताजी की बेटी ने कहा कि मैं अपने की अस्थियों के डीएनए टेस्ट के लिए भारत सरकार से संपर्क करूंगी. मैंने अपनी इसको लेकर जनता से संपर्क किया है. मैं डीएनए टेस्टिंग के लिए तैयार हूं. हालांकि मुझे इसकी जरूरत नहीं है, लेकिन उल्टी-सीधी कहानियों को खत्म करने के लिए जरूरी है.
अनीता बोस ने कहा कि बोस के जीवन के रहस्य को सुलझाना और उनकी अस्थियां भारत लाना क्रांतिकारी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी क्योंकि देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।प्रो. अनीता बोस फाफ ने कहा था कि अनीता ने कहा कि टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में नेताजी के अवशेषों को एक ‘अस्थायी’ जगह पर रखा है.
मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक रेंकोजी मंदिर के अधिकारी नेताजी के कथित अवशेषों की डीएनए जांच की अनुमति देने को इच्छुक नहीं है। मंदिर के मुख्य पुजारी रेवरेंड निचिको मोचिजुकी ने वर्ष 2005 में तोक्यो स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर अस्थियों को लौटाने पर जोर दिया था।