उत्तर प्रदेश। राजस्व मुकदमों के जल्द निस्तारण के लिए राजस्व परिषद ने नई व्यवस्था लागू करने के आदेश दिये हैं। यह व्यवस्था साल के पहले दिन से प्रभावी हो गई है। राजस्व परिषद का मानना है कि नई व्यवस्था से राजस्व मुकदमों के निस्तारण में तेजी आएगी।
उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम या, उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम तथा उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की किसी भी धारा या अन्य विविध अधिनियमों जिनकी सुनवाई राजस्व परिषद स्तर पर की जाती है संबंधी मुकदमें इलाहाबाद व लखनऊ के किसी भी एक स्थान पर अब दायर किए जा सकेंगे। आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद लीना जौहरी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
राजस्व मुकदमों की रेंडम आधार पर होगी सुनवाई
इसके मुताबिक राजस्व परिषद इलाहाबाद व लखनऊ के निबंधक दायर किए गए मुकदमों को पीठासीन अधिकारियों को रेंडम आधार पर सुनवाई के लिए आवंटित करेंगे। विभिन्न पीठासीन अधिकारियों के बीच कार्य वितरण रोस्टर के अनुसार प्रत्येक तीन माह में बदला जाता रहेगा। सर्किट कोट आगरा व मेरठ में वर्तमान की तरह आगरा व मेरठ मंडलों से संबंधित किसी भी प्रकार के मुकदमें दाखिल किए जा सकेंगे। पहले राजस्व परिषद लखनऊ व इलाहाबाद में दाखिल किए गए मुकदमों की सुनवाई उसी स्थान पर की जाती थी, जहां उसे दाखिल किया जाता था। राजस्व परिषद ने इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। अब दोनों स्थानों पर रेंडम आधार पर मुकदमें आवंटित किए जाएंगे।