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अब गाजा और हमास के समर्थन में उतरा मालदीव, इजरायल के खिलाफ उठाया बड़ा फैसला

माले: कभी भारत से पंगा लेने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अब हमास और गाजा से भी प्रेम हो गया है। गाजा पर इजरायली हमले के खिलाफ मालदीव ने बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है। यह एक तरीके से मालदीव की इजरायल को खुली चुनौती है। मालदीव ऐसा पहला देश नहीं है, जिसने गाजा और हमास के लिए इजरायल से दुश्मनी मोल ली हो। मालदीव से पहले लेबनान का हिजबुल्लाह और यमन के हूतिये भी इजरायल से दुश्मनी ठान चुके हैं। अब इस कड़ी में मालदीव का नाम भी जुड़ गया है।

 

गाजा पर हमले के विरोध में मालदीव ने इजरायल पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके पासपोर्ट धारकों को देश में प्रवेश से रोकने का ऐलान कर दिया है। इसके लिए मालदीव ने अपने आव्रजन कानून में बदलाव किया है। मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान के अनुसार, संशोधन को सोमवार को संसद द्वारा पारित किया गया और मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इसे मंजूरी दी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह कानून दोहरी नागरिकता वाले उन लोगों पर लागू होगा या नहीं जिनके पास इजराइल और किसी अन्य देश का पासपोर्ट है।

इजरायल ने नहीं दी है अब तक प्रतिक्रिया

मालदीव के इस ऐलान को लेकर अभी तक इजरायल की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मगर मुइज्जू के इस कदम से साफ है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से उनकी दुश्मनी शुरू हो सकती है। बताया जा रहा है कि मालदीव के मंत्रिमंडल ने आव्रजन कानून में बदलाव का निर्णय लगभग एक वर्ष पहले लिया था, लेकिन सरकार ने इस सप्ताह इसे औपचारिक रूप दिया। बयान में कहा गया, ‘‘यह बदलाव फलस्तीनी लोगों के खिलाफ इजराइल द्वारा किए जा रहे अत्याचारों और नरसंहार कृत्यों के जवाब में सरकार के दृढ़ रुख को दर्शाता है।’’ मालदीव मुख्य रूप से सुन्नी बहुल मुस्लिम राष्ट्र है जहां अन्य धर्मों का प्रचार प्रसार और पालन करना कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। आव्रजन के उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में इजराइली पासपोर्ट वाले 59 लोग मालदीव पहुंचे।

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