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गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु जी के पूजन मात्र से जीवन में मिलेगा मान-सम्मान

आषाढ़ मास की पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन कुछ ऐसे उपाय करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

धर्मज्ञो धर्मकर्ता च सदा धर्मपरायणः।
तत्त्वेभ्यः सर्वशास्त्रार्थादेशको गुरुरुच्यते।।

भावार्थ: धर्म को जाननेवाले, धर्म मुताबिक आचरण करनेवाले, धर्मपरायण, और सब शास्त्रों में से तत्त्वों का आदेश करनेवाले गुरु कहे जाते हैं।

इस दिन गुरु की पूजा करने की परंपरा है। जिनके गुरु नहीं हैं वो गुरु बना भी सकते हैं। इस दिन ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए और स्नान और दान भी बहुत ही फल देता है। गुरु को भगवान से भी बड़ा स्थान दिया गया है। कहते हैं कि गुरु ही हमें जीवन की सही राह बताते है।

गुरु पूर्णिमा के दिन आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्याख्याता महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। सभी पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास को माना जाता है। इन्होंने वेदों को विभाजित किया है, जिसके कारण इनका नाम वेदव्यास पड़ा था। वेदव्यास जी को आदिगुरु भी कहा जाता है ।

आत्मा राम पांडेय जी ने बताया कि हिंदू धर्म में गुरु को ईश्वर से भी ऊंचा स्थान दिया गया है क्योंकि गुरु ही ईश्वर प्राप्ति का मार्ग बताता है. गुरु के सद्ज्ञान के आधार पर ही हम ईश्वर तक पहुंच पाते हैं. इसी दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. इस लिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं।
धर्म शास्त्रों में गुरु पूर्णिमा को भाग्योदय की तिथि मानी गई है. इस दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई को मनाया जाएगा।इस दिन गुरु वंदना के साथ कुछ ऐसे उपाय भी हैं जिनको करने से जीवन में सफलता और समृद्धि के साथ मान और सम्मान की भी प्राप्ति होती है।

गुरु पूर्णिमा को करने वाले उपाय

  1. गुरू पूर्णिमा का दिन गुरू और शिष्यों का होता है. जिन छात्रों का पढ़ाई में ध्यान न लग रहा हो, उनको गुरु पूर्णिमा के दिन गीता का पाठ करना चाहिए और गाय की सेवा करनी चाहिए। मन जाता है कि ऐसा करने से अध्ययन में आ रही समस्या दूर हो जाती है।
  2. आषाढ़ मास की पूर्णिमा अर्थात गुरु पूर्णिमा के पावन दिन पर पीपल के पेड़ की जड़ में मीठा जल डालना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी के प्रसन्न होकर अपने भक्तों को धन-धान्य से परिपूर्ण करने की मान्यता है।
  3. जिन पति-पत्नी के बीच दाम्पत्य जीवन में समस्या आ रही हैं तो उन्हें गुरु पूर्णिमा के दिन एक साथ चंद्रमा का दर्शन करना चाहिए और मिलकर चंद्रमा को दूध का अर्घ्य प्रदान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से उनके दाम्पत्य जीवन में आने वाली समस्या दूर होती है।
  4. सौभाग्य की प्राप्ति के लिए लोगों को गुरु पूर्णिमा के पवित्र दिन पर सांय काल में तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना चाहिए।
  5. गुरु पूर्णिमा के पर्व पर किसी को भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन घर परिवार के बुजुर्गों का सम्मान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से गुरू की कृपा प्राप्त होने में समस्या नहीं आती।
  6. ज्ञान की वृद्धि के लिए इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।

ॐ बृं बृहस्पतये नम:।

ॐ गुं गुरवे नम:।

इस दिन भगवान शिव की उपासना करें। गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अपने गुरु या उनके चित्र को सामने रखकर उपासना करें। पूर्णिमा पर एक समय भोजन करना चाहिए और चंद्रमा या भगवान सत्यनारायण का व्रत करना चाहिए। साथ ही समृद्धि और पद-प्रतिष्ठा भी मिलती है।

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पं. आत्माराम पांडेय
पं. आत्माराम पांडेय

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