हरिद्वार। हरिद्वार में अखाड़ों के संत चाहते हैं कि कुंभ की तैयारी साल 2010 की तरह हों. वहीं, सरकार ने साफ कर दिया है कि कुंभ बेहतर से वेहतर होगा, पर 2021 का कुंभ 2021 की तरह से होगा. वो भी कोरोना के खौफ के बीच. जानकारी के मुताबिक, अखाड़ा परिषद का कहना है कि मेले की व्यवस्था 2010 की तरह होनी चाहिए, जहां संत भी आएंगे, कैम्प भी लगेंगे और स्नान भी होगा. इसी पर सरकार ने अपना पक्ष साफ कर दिया है. बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री की तरफ से साफ किया है कि 2021 की तुलना किसी दूसरे कुंभ से नहीं कर सकते. इसीलिए 2021 का कुंभ 2021 की तरह से होगा. वो भी बेहतर से बेहतर.
कुंभ की तैयारी को लेकर अखाड़ा परिषद और मुख्यमंत्री के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है. और मुख्यमंत्री बार-बार ये साफ कर चुके हैं कि कोरोना के हालात के मुताबिक, फैसला होगा. लेकिन संतों का कहना है कि अभी कोरोना कम है. इसीलिए मेला होगा, अगर कोरोना बढ़ेगा तो बैठकर कर बात होगी. मार्च 2021 में कोरोना को एक साल पूरा हो जाएगा. और शुरुआत से लेकर अबतक कोरोना का असर कुंभ की तैयारियों पर पड़ा है.ऐसे में करोड़ों लोगों का सैलाब नई मुसीबत न खड़ी कर दे. ये भी सरकार के लिए बड़ी चिंता है, जबकि वैक्सीन आने पर कुंभ को सबसे पहले ध्यान में रखने की बात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत खुद प्रधानमंत्री मोदी से कह चुके हैं.
वहीं, उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि साल 2021 का कुंभ मेला 48 दिवसीय होगा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार फरवरी अंत तक मेले की अधिसूचना जारी करेगी. लेकिन अभी से तैयारियां हो रही हैं.