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“आयुष्मान योजना” की तर्ज पर राज्य कर्मचारियों को मिलेगा पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलेस चिकित्सा योजना का लाभ

सुल्तानपुर। आयुष्मान योजना की तर्ज पर राज्य कर्मचारियों तथा पेंशनर्स को भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए अपर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की ओर से मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डॉ. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत लक्षित लाभार्थियों को पांच लाख रूपए तक का सालाना स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराया जाता है। इसी तरह राज्य कर्मचारियों तथा पेंशनर्स व उनके आश्रितों को भी कैशलेस स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराया जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से “पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना” लागू करने के लिए अपर मुख्य सचिव की ओर से पात्र जरी किया गया। योजना के तहत राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स तथा उनके आश्रितों को सरकारी चिकित्सा संस्थानों व अस्पतालों में कैशलेस इलाज मुहैया कराया जायेगा। कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आधीन चिकित्सा संस्थानों व चिकित्सालयों को अलग से फण्ड का प्राविधान किया जायेगा। सरकारी वित्त पोषित चिकित्सा संस्थानों में लाभार्थियों को आवश्यकतानुसार कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी जिसकी कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं होगी।

आयुष्मान योजना : कैशलेस उपचार – आयुष्मान भारत योजना के जिला इन्फॉर्मेशन सिस्टम मैनेजर दुर्गेश नंदन ने बताया आयुष्मान योजना के तहत आबद्ध निजी चिकित्सालयों में भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के सरकारी कर्मचारियों, सेवानिवृत्त कर्मचरियों और आश्रितों को सालाना 5 लाख रूपए तक उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी।

स्टेट हेल्थ कार्ड – दुर्गेश नंदन ने बताया कि सभी सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों का ऑनलाइन आवेदन कर स्टेट हेल्थ कार्ड बनाया जायेगा ।स्टेट हेल्थ कार्ड की सहायता से लाभार्थी की पहचान सुनिश्चित कर चिकित्सालय में भर्ती कर निःशुल्क उपचार कराया जायेगा। इस कार्ड में कर्मचारी के अतिरिक्त उनके परिवार के सदस्यों का विवरण भी उपलब्ध होगा। सभी का स्टेट हेल्थ कार्ड बनवाने की ज़िम्मेदारी सभी विभाग के अध्यक्षों की होगी। ऑनलाइन स्टेट हेल्थ कार्ड बनाने की ज़िम्मेदारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन कार्यरत साचीज़ की होगी जो आयुष्मान भारत पी.एम.जे.ए.वाई की स्टेट नोडल एजेंसी है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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